हाल ही में निकले बिहार माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) के 12वीं के परीक्षा परिणाम पिछले कुछ सालों की तुलना में अच्छा रहा। बोर्ड के अध्यक्ष ने इस बार बिहार का नाम शर्मसार होने से बचाने की पूरी कोशिश की, और काफी हद तक सफल भी रहे। लेकिन हर साल की भाती इस साल भी रिजल्ट में गड़बड़िया निकलना थम ही नहीं रहा है। जो कि यह बहुत ही चिंताजनक विषय है।
किसी के रिजल्ट में जो विषय छात्र/छात्रा द्वारा लिया ही नहीं गया है उस विषय को जोड़ उसमें अनुपस्थित बताकर फेल कर दिया गया है, तो किसी के एडमिट कार्ड में छात्र को छात्रा बना रिजल्ट को पूरी तरह अनुपस्थित ही करार कर दिया गया है। इससे यही कह सकते हैं कि बिहार की परीक्षा तंत्र प्रणाली अब भी खस्ताहाल है।
मुख्यमंत्री और बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आश्वासन दे चुके हैं कि रिजल्ट में यदि कोई गड़बड़ी हुई है तो उसे दुरस्त किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, जिसमें परीक्षाथियों को ऑनलाइन आवेदन डालने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। इस आश्वासन पर अविश्वास करने की वजह नहीं दिखती।
मगर उन परीक्षार्थियों का क्या जिनका ऑनलाइन आवेदन में दिए गए प्रक्रिया को पूरी करने पर आवेदन ही अमान्य बता रहा हो?
अब ऐसे में परेशान परीक्षार्थी क्या करे? आखिर कब तक बिहार बोर्ड प्रशासन की गलती की सज़ा यहाँ के छात्र-छात्राओं को झेलना पड़ेगा? इसे बिहार बोर्ड का दुर्भाग्य ही माना जाएगा कि इसमें रिजल्ट पर हर साल बड़ा विवाद हो जाता है। ज़ाहिर सी बात है कि बोर्ड की परीक्षा प्रणाली में ही कोई गड़बड़ी है जिसे अब तक दूर नहीं किया जा सका है। इन सब पहलुओं पर ध्यान देते हुए जाँच करवाने की सख्त जरूरत है कि आखिर किन वजहों से हर साल बिहार बोर्ड का परीक्षा परिणाम विवादग्रस्त हो जाता है।
—– श्रुति—–