नीतू चंद्रा, इस नाम को कौन नहीं जानता! प्रायः अखबार के सुर्ख़ियों में जो छाये रहती है, कभी अपने फिल्मों के कारण, कभी अपने उपलब्धियों जा प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सम्मानों के कारण तो कभी बिहारी स्मिता का झंडा बुलंद करने के कारण| नीतू की अभी तक का सफ़र की गजब की रही है|
आइंस्टाइन ने गांधी के बारे में जो कहा था याद है “Generations to come will scarce believe that such a one as this ever in flesh and blood walked upon this earth.” वैसा ही कुछ |
आपको लग रहा होगा कि मैं ज्यादा बोल रहा हूँ| लेकिन जो लोग इस लड़की को करीब से जानते हैं वो आपको किस्से सुना देंगे| बक्सर जिले के डुमरांव से आये हुए पटना में 25 लोगों के जॉइंट फॅमिली में तमाम रूढ़िवादिता और तकलीफ़ों के ख़िलाफ़ बड़ी होकर गजब की अंतरराष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बन गयी|
फ़िलिपींज़ हांग कांग में जैकी चैन से मिलीl बिहार राज्य का 8 अलग खेलों में प्रतिनिधित्व किया और भारत की तरफ से दो अलग खेलों में|
पटना में स्कूटर पर चलाने वाली एक लड़की दिखती थी| स्पोर्ट्स चैम्पियन लगातार कई साल तक| आवारा लड़कों की पिटाई कर डाली तो कभी दूसरी लड़कियों को आवारा लड़कों से बचाया| कभी घर चलाने के लिए पटना में टीचर बन गयी तो कभी घर के सब लोगों के लिए पिता| दिल्ली के कॉलेज ने एडमिशन देने से मना किया तो ऐसा काम किया की उसी कॉलेज के प्रेजिडेंट बनी और प्रधानमन्त्री श्री अटल बिहारी बाजपाई ने सम्मानित भी किया| कभी प्रगति मैदान में बनफूल तेल के लिए काम किया तो कभी किसी कंपनी में सेक्रेटरी बनी ताकि अपना किराया दे सके|
फिर किसी ने कहा की लम्बी हो एक्टिंग करो और रंग ढंग तो कराटे चैम्पियन वाले थे|
एक्टिंग में आई तो वहाँ भी कमाल| 40 ऐड फिल्म फिर फिल्मों में अक्षय जॉन अमिताभ दिबाकर बनर्जी मधुर भंडारकर प्रियदर्शन राम गोपाल वर्मा इत्यादि इत्यादि के साथ काम| एक्टिंग के साथ निर्माता बनी तो वो कर दिखाया जो बड़े बड़े नहीं कर पाए, देसवा और मिथिला मखान जैसी दो कड़क बिहारी भाषा की फिल्म दीं| एक फिल्म IFFI तो दूसरी राष्ट्रीय पुरस्कार| फिर बेजोड़ चैनल को खड़ा किया जिसमे बहुत से साथियों ने मदद की|
आज उसका जन्मदिन है, मैं नीतू को बधाई देता हूँ| हम आज तक अइसन लईकी के कहानी नइखीं जानत जे बक्सर/पटना जइसन छोट जगह से उठकर बंबई में जोरदार पहचान बनवले बाड़ी| तहार जन्मदिन के बधाई आ शुभकामना बाटे|
साभार: नितिन नीरा चंद्रा