हम बिहारी हैं, कहते सब कमजोर हैं, पर हम बेजोड़ हैं ।
कहते हैं जहां चाह, वहीं राह और इस पंक्ति को बिहार के इस लाल ने सच कर दिखाया है। मिलिए अभय कुमार सिंह से जो पटना, बिहार के रहने वाले हैं और कुर्स्क नाम के रूसी प्रांत की सरकार में डेप्यूतात हैं। रूस में डेप्यूतात का वही मतलब है जो किसी भारतीय राज्य में विधायक या एमएलए का है। बिहार के लाल ने रूस में विधायक बनकर पटना और बिहार के साथ देश का नाम रोशन किया है ।
विधायक बनना कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन सबसे ख़ास बात है कि अभय कुमार सिंह ने व्लादीमिर पुतिन की ‘यूनाइटेड रशा’ पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता है। पटना में जन्मे अभय सिंह कहते हैं , “मैं राष्ट्रपति पुतिन से बहुत प्रभावित रहा और राजनीति में प्रवेश करने का फ़ैसला लिया|”
उन्होंने बताया, “मेरा जन्म पटना में हुआ और मैंने लोयोला स्कूल से पढ़ाई की| 1991 में मैं कुछ दोस्तों के साथ मेडिकल की पढ़ाई करने रूस आया था|” अभय के अनुसार ‘काफ़ी मेहनत से पढ़ाई पूरी कर’ वे पटना वापस लौटे और प्रैक्टिस करने के लिए रजिस्ट्रेशन भी करा लिया|
वे अपने निजी या पारिवारिक जीवन के बारे में बात नहीं करना चाहते बस इतना ही कहते हैं कि बिहार से उनका रिश्ता बना हुआ है| “लेकिन लगता है कि ऊपर वाले ने मेरा करियर रूस में ही लिखा था| मैं भारत से वापस रूस आ गया कुछ लोगों के साथ मिल कर दवा का बिज़नेस शुरू किया|” “शुरुआत में बिज़नेस करने में खासी मुश्किल होती थी क्योंकि मैं गोरा भी नहीं था, लेकिन हमने भी तय कर रखा था और कड़ी मेहनत के साथ अड़े रहेंगे|”
फिर जैसे-जैसे अभय के पैर रूस में जमते गए व्यापार में भी बढ़ोत्तरी हुई| फार्मा के बाद अभय ने रियल एस्टेट में हाथ आज़माया और उनके मुताबिक़ “आज हमारे पास कुछ शॉपिंग मॉल भी हैं|” रूसी राष्ट्रपति पुतिन से प्रभावित अभय को इस बात पर ‘गर्व है कि भारतीय होने के बावजूद वे रूस में रम गए और आज वहां पर चुनाव भी जीत चुके हैं|” उन्होंने बताया कि आज भी कोशिश रहती है कि जब समय मिले तो बिहार ज़रूर आएं क्योंकि ‘सभी मित्र और रिश्तेदार पटना में ही हैं|”