बिहार की राजधानी पटना से सटे छोटे से कस्बे में रहने वाली मधुमिता को गूगल ने एक करोड़ का पैकेज दिया है| बिहार के खगौल की रहने वाली मधुमिता को विश्व की सबसे नामचीन कंपनी गूगल ने 7 राउंड के इंटरव्यू के बाद बुलावा भेजा| मधुमिता को सोमवार को स्विट्जरलैंड में गूगल के हेड ऑफिस में ज्वॉइन करना है|
इससे पूर्व उसके पास मर्सिडीज और अमेजन जैसी बड़ी कंपनियों से भी ऑफर आए थे।
सात चरणों में हुआ इंटरव्यू
मधुमिता ने बताया कि सात चरणों के इंटरव्यू को पास करने के बाद सफलता मिली। इंटरव्यू को पास करने वालीं मधुमिता भारत की एक मात्र कैंडिडेट थीं, जिन्हें गूगल ने सलेक्ट किया है| गूगल में काम करना सपने पूरे होने जैसा है। उसका कहना है कि लक्ष्य निर्धारण के साथ दृढ़ संकल्प हो तो आइआइटी जैसे संस्थानों से शिक्षा ग्रहण किए बिना भी बड़े मुकाम को हासिल किया जा सकता है।
पटना व जयुपर में हुई शिक्षा
मधुमिता की प्रारंभिक शिक्षा पटना के डीएवी पब्लिक स्कूल (वाल्मी) से हुई। इसके बाद आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (जयपुर) से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद उसका एपीजी बेंगलुरु में प्लेसमेंट हुआ।
मधुमिता बताती हैं कि जयपुर के आर्या कॉलेज ऑफ इंजीनिर्यंरग नामी गिरामी संस्थान नहीं है। बावजूद गूगल में काम करने का संकल्प मैंने लिया। इस कंपनी में काम करने के लिए इसलिए भी ठाना था, क्योंकि कि गूगल में काम मिलना काफी कठिन होता है। मेरे लिए ये जानना जरूरी था कि आखिर ऐसा क्यों है। यही कारण है कि बाकी कंपनियों का ऑफर आने के बावजूद मैंने गूगल में ही काम करने का निश्चय किया। इसके लिए लगभग 6 से 7 महीने की तैयारी की। ये जाना की इस कंपनी में चयनित होने के लिए कैसी तैयारी करनी पड़ती है और इंटरव्यू में कैसे सवाल पूछे जाते हैं। तैयारी के बाद कम्पनी में अप्लाई किया और फिर शुरू हुआ इंटरव्यू का दौर जो लगभग ढाई महीने तक चला।