जापान यात्रा के तीसरे दिन सीएम नीतीश कुमार ने नारा प्रांत के गवर्नर शोगो अरई से मुलाकात की और उन्हें नारा और भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया को सिस्टर स्टेट के रूप में जोड़ने का प्रस्ताव दिया। उनके इस प्रस्ताव पर शोगो अरई ने सहमति जताई। वहीं भारतीय दूतावास इसको मूर्तरूप देने में अपनी सहायता प्रदान करेगा।
इससे दोनों देशों के बीच पर्यटन, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने टोडैजी मंदिर की भी यात्रा की।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नारा प्रांत के राज्यपाल शोगो अरई के बीच बिहार के बौद्ध स्थलों, खासकर बोधगया के धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अरई को बताया कि बोधगया का वैचारिक और आध्यात्मिक जुड़ाव जापान के नारा प्रांत से है। प्रत्येक साल जापान से बोधगया जाने वाले तीर्थ यात्रियों में नारा प्रांत के लोगों की संख्या आधिक होती है।
अरई ने भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बात का समर्थन किया और बोधगया के समग्र विकास के लिए सहयोग देने पर सहमति जताई। दोनों नेताओं ने मौजूदा परिप्रेक्ष्य में दुनिया में बुद्ध की शिक्षाओं एवं दर्शन के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की। नारा और बिहार, विशेषकर राज्य के बौद्ध स्थलों के आपसी संबंधों एवं संपर्कों पर सार्थक विमर्श हुआ।
हिरोशिमा का भी किया भ्रमण
सीएम नीतीश कुमार जापान में बुधवार को हिरोशिमा भी गये, जहां दूसरा विश्व युद्ध के दौरान छह अगस्त, 1945 को अमेरिकी वायु सेना ने परमाणु बम गिराया था। उन्होंने वहां पीस मेमोरियल म्यूजियम की विजिटर बुक में लिखा कि यह न केवल तकनीक की विनाशकारी क्षमता की याद दिलाता है, बल्कि मानवीय भावना और लचीलापन को भी प्रदर्शित करता है। उन्होंने महात्मा बुद्ध को कोट करते कहा कि ‘‘घृणा को घृणा से खत्म नहीं किया जा सकता, बल्कि प्यार से ही ऐसा हो सकता है। यह सनातन नियम है.’परस्पर आकर्षण और सम्मान से ही कोई दूसरे पर नियंत्रण रख सकता है, यह मानव सभ्यता की मार्गदर्शक शक्ति है। यह स्मारक शांति और सदभाव के प्रति जापानी लोगों की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।