भारतीय रेल और उसका लेट होना आम बात है। जो कोई भी ट्रेन से सफर करता है वह मान कर ही चलता है कि ट्रेन अपने गंतव्य पर निश्चित समय से लेट ही पहुंचेगी। बिहार से गुजरने वाली ट्रेनों का तो और बुरा हाल है।
भारतीय रेल के प्रति इस धारणा को हाल ही हुए एक अध्ययन ने भी प्रमानित किया है। अध्ययन के अनुसार, बिहार के स्टेशनों से छूटने वाली, वहां से गुजरने वाली या इन स्टेशनों को पहुंचने वाली रेलगाड़ियों की लेटलतीफी के मामले में हालत देश भर में सबसे बुरी है। यहां रेलगाड़ियों की औसत लेटलतीफी सबसे अधिक आंकी गयी है।
इसके अनुसार औसतन आधार पर 2017 में बिहार के लिए रेलगाड़ियों में 104 मिनट की देरी दर्ज की गयी. यह देरी 2016 में 93 मिनट जबकि 2015 में 80 मिनट थी। बीते तीन साल में रेलगाड़ियों में औसत देरी में 30 प्रतिशत की बढोतरी हुई है। रपट में कहा गया है कि अगर यह लेटलतीफी इसी तरह से चलती रही तो कुछ ही साल में इन स्टेशनों पर रेलगाड़ियों की औसत देरी दो घंटे से भी अधिक हो सकती है।
यह अध्ययन ऑनलाइन ट्रेवल पोर्टल रेलयात्री ने किया है। पोर्टल का दावा है कि उसके एक करोड़ से अधिक मासिक यूजर्स हैं। अध्ययन के अनुसार, बीते दो साल में तीन राज्यों उत्तराखंड बिहार व केरल में रेलगाड़ियों की लेटलतीफी में दहाई प्रतिशतांक की वृद्धि दर्ज की गयी।
बिहार के अलावा गाड़ियों की लेटलतीफी के लिहाज से शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा व असम भी हैं। अध्ययन के अनुार राष्ट्रीय आधार पर रेलगाड़ियों के आवागमन में औसत विलंब 2017 में 53 मिनट रहा।
इसके अलावा, ट्रेन सुविधा डॉट कॉम ने भी पिछले चार सालों में 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच ट्रेनों की लेट लतीफी पर एक रिपोर्ट जारी किया था।
इस रिपोर्ट में साल 2017 में ऐसी ट्रेनों की संख्या साल 2015 के मुकाबले तीन गुना बढ़ गई है जो 15 घंटे से ज्यादा लेट हुए हैं।
साल 2015 में 15 घंटे से ज्यादा लेट होने वाली ट्रेनों की संख्या 479 थी जो 2017 में बढ़कर 1337 हो गई।
इन ट्रेनों में देश की सबसे अहम राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनें भी शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार बिहार से चलने या गुजरने वाली लगभग 10 ट्रेने लेट चलती है।
आपको बता दें कि स्वतंत्रता सेनानी एक्स्प्रेस, उद्यान आभा तूफान एक्सप्रेस, बरौनी-ग्वालियर मेल, दिल्ली से डिब्रूगढ़ जाने वाली ब्रह्मपुत्र मेल, मगध एक्सप्रेस, भागलपुर गरीब रथ एक्सप्रेस, अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस, पटना-मथुरा एक्सप्रेस रोज लेट चलती है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लेटलतीफी के मामले में सबसे खराब हालत झाँसी, जबलपुर, वाराणसी, मुंबई, इलाहाबाद, दानापुर और समस्तीपुर डिवीजन में है।