दुनियाभर में बिहार का मधुबनी अपने अनोखे मधुबनी पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध है| एक बार फिर मधुबनी अपने इस गौरवपूर्ण विरासत के लिए विश्व फलक पर चमकने के लिए तैयार है| जी हाँ, पूर्व मध्य रेलवे के मधुबनी स्टेशन का नाम जल्द ही गिनीज बुक में दर्ज हो सकता है। इसके लिए यहां दीवारों पर करीब 8000 से अधिक वर्ग फुट में मिथिला पेंटिंग उकेरी जा रही है। किसी भी लोक चित्रकला क्षेत्र में इतने बड़े एरिया में पूरे वर्ल्ड में एक रिकॉर्ड हो सकता है।
मधुबनी का रेलवे स्टेशन आपको न केवल मधुबनी पेंटिंग के लिए आकर्षित करेगा, बल्कि इन पेंटिंग के जरिए आप इस क्षेत्र की पुरानी कहानियों और स्थानीय सामाजिक सरोकारों से भी रूबरू हो सकेंगे।
मधुबनी रेलवे स्टेशन की दीवारों पर गैर सरकारी संस्था ‘क्राफ्टवाला’ की पहल पर करीब 7,000 वर्गफीट से अधिक क्षेत्रफल में मधुबनी पेंटिंग बनाई जा रही है। इसमें 100 कलाकार अपना श्रमदान कर रहे हैं। इस कार्य में रेलवे भी सहयोग कर रहा है। संस्था के संयोजक और मधुबनी के ठाढ़ी गांव निवासी राकेश कुमार झा ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में इतने बड़े क्षेत्रफल में लोक चित्रकला को उकेरा जाना एक रिकॉर्ड हो सकता है। झा ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में मात्र 4566.1 वर्गफीट में पेंटिंग दर्ज है, जबकि भारत में सबसे बड़ी पेंटिंग का रिकॉर्ड मात्र 720 वर्गफीट का है।
तकरीबन आठ हजार वर्ग फुट में कलाकृतियां बनाए जाने का लक्ष्य
यहां रेलवे स्टेशन को पूरी तरह मधुबनी पेंटिंग्स से संवरने के बाद इसके विश्व का सबसे बड़ा मधुबनी पेंटिंग्स से सुसज्जित क्षेत्र होने का अनुमान लगया जा रहा है। डीआरएम ने बताया कि प्लेटफार्म सहित स्टेशन परिसर के लगभग आधा किलोमीटर के रेडियस में तकरीबन आठ हजार वर्ग फुट में विभिन्न विषयें पर कलाकृतियां बनाए जाने का लक्ष्य है।
इस पेंटिंग को बनाने में करीब 100 से ज्यादा कलाकार जुटे हुए हैं। डीआरएम की मदद से बन रही इस पेंटिंग के लिए कलाकार पूरे जी जान से जुटे हुए हैं। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि इतना बड़ी योजना श्रम दान से चलाई जा रही हैं। अगले दो दिनों में ये पेंटिंग पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। सात दिनों तक चलने वाले इस पेंटिंग अभियान में पारिश्रमिक के तौर पर कलाकारों को कुछ नहीं मिलेगा। फिर भी पूरे लगन से कलाकार भारत के सबसे गंदे स्टेशन को खूबसूरत बनने में जुटे हुए हैं।