रेलमंत्री श्री पियूष गोयल ने हाल ही में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि
“वो दिन दूर नही जब रेलगारियों के सभी डिब्बो में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे. साथ ही साथ सभी रेलवे स्टेशन और प्लेटफार्म पर भी सीसीटीवी कैमरा लगाये जायेंगे.”
अगर ऐसा हुआ तो वो दिन दूर नहीं जब दूर के सफ़र करने वाले यात्रियों को अपने सामानों की चिंता नहीं होगी. इस तरह के सुरक्षा के बंदोबस्त होने से महिलाओ को भी अतिरिक्त सुरक्षा का अहसास होगा साथ ही देर रात यात्रा कर रहे यात्रियों से हो रहे छिनतई और चोरी की घटनाओ में भी कमी आएगी. लेकिन इसे आम जनता की भी भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए. हाल ही के दिनों की खबर है, महामना एक्सप्रेस और तेजस एक्सप्रेस में जो भी सुबिधा के उपकरण लगे थे, वो पहले ही दौरे में या तो चोरी कर लिए गये या असामाजिक तत्वों के द्वारा तोर फोर दिए गये.
मंत्री ने कहा कि “यात्रियों की सुरक्षा रेलवे की पहली प्राथमिकता है.”
पियूष गोयल ने कहा कि “सभी टीटीइ और रेलवे पुलिस फ़ोर्स को अपनी ड्यूटी के दौरान यूनिफार्म में रहना होगा”. उन्होंने कहा कि “भारतीय रेलवे के सफ़र को और सुरक्षित बनाने के लिए, भारत रेलवे, रेलटेक और इसरो मिल कर काम कर रही हैं ताकि स्पेस टेक्नोलॉजी के मदद से यात्रा को और सुरक्षित बनाया जा सकेगा.”
यदि रेलवे पुलिस और टीटीइ अपने ड्यूटी के दौरान ड्रेस में रहेंगे तो यात्री फर्जी टीटीइ से हो रहे धोखाधारी से बच सकते हैं रेलमंत्री ने कहा कि “वह गूगल के साथ मिलकर कम कर रहे हैं ताकि ४०० रेलवे स्टेशनों को वाइ-फाइ से जोरा जा सके. इससे ग्रामीणों को भी इंडिया कनेक्ट से जोरा जा सके.” अभी के समय में रेलवे यात्रियों को सुरक्षित पौष्टिक भोजन उपलब्ध करने में असक्षम है. आय दिन ख़राब खाने की शिकायत रहती है. इस सन्दर्भ में भी रेलमंत्री ने हाल में ही अधिकारीयों से कहा है कि “ट्रेनों में परोसे जाने वाले खाने और उसकी आपूर्ति करने वाले ठेकेदारों के बारे में भी जानकारी दी जाए. इतना ही नहीं, रेलवे में खानपान की सेवा को सुधारने की भी लगातार कोशिश की जाये.”
फ्लेक्सी फेयर के रेलवे का किराया फ्लाइट के किराये के आसपास या कभी-कभी उससे भी अधिक हो जा रहा है. आम यात्री फ्लेक्सी फेयर से खासे नाखुश हैं. लेकिन पियूष गोयल बहुत जल्द फ्लेक्सी फेयर सिस्टम की समीक्षा करेंगे और इससे किराये में भी कमी होने के पुरे आसार हैं. बहुत सारी ट्रेनों के रफ़्तार बढाई जायेंगी करीब १५० ट्रेनों को सुपरफास्ट बनाया जायेगा. ये रेल यात्री एवं आम जनता के लिए काफी सार्थक साबित होगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने “विकलांगों” को “दिव्यांग” कह कर सम्भोधित करने को प्रेरित किया है. लेकिन इस बात की घोषणा किये हुए १ साल से ज्यादा हो जाने के बाद भी रेल के डिब्बो पे दिव्यांग की जगह विकलांग ही लिखे जा रहे हैं .मै माननीय रेल मंत्री जी से आग्रह करता हु कि इसमें अबिलम्ब सुधर किया जाये एबं रेल के डिब्बो पे “बिक्लांगो के लिए “ की जगह “दिव्यंगो के लिए “ लिखा जाये .