साहित्य की विभिन्न विधाओं में लिखी किताबों की फेहरिस्त में ‘बेस्ट सेलर’ होना फ़िल्मी जगत के ऑस्कर मिलने जैसा है। इस फेहरिस्त में शामिल होने का अर्थ है उस किताब ने पाठकों का भरोसा अपने नाम दर्ज कराया है।
हिन्दी साहित्य में अबतक ‘बेस्ट सेलर’ किताबों की लिस्ट किसी संस्था द्वारा जारी करने का चलन नहीं था। पर हिंदी की बढ़ती माँग और पाठकों के हिंदी को लेकर बदलते नज़रिए ने कुछ संस्थाओं का ध्यान इस ओर भी आकृष्ट किया है।
हाल ही में दैनिक जागरण की तरफ से हिंदी की तीन विधाओं कथा, कथेतर और अनुवाद की श्रेणियों में हिंदी बेस्ट सेलर किताबों की पहली सूची जारी की गई है। बिहार के लिए सौभाग्य का विषय है कि इसमें तीन बिहारी भी शामिल हैं।
कथा की श्रेणी में मशहूर पत्रकार रवीश कुमार द्वारा रचित ‘इश्क़ में शहर होना’ को छठा स्थान मिला है। रवीश बिहार के मोतिहारी के रहने वाले हैं और यह उनकी पहली रचना थी। यूँ तो ब्लॉग्स के जरिये वो पाठकों तक अच्छी पहुँच रखते हैं, पर पहली रचना का पाठकवर्ग द्वारा खुले दिल से स्वागत किया जाना काफी उत्साहजनक है। बताते चलें, राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित इस किताब के माध्यम से रवीश ने हिंदी साहित्य को ‘लप्रेक’ (लघु प्रेम कथा) की नई विधा दी है।
वहीं बिहार की नवोदित लेखिका पूजा उपाध्याय की भी पहली ही रचना 2015 में पेंगुइन प्रकाशन की तरफ से प्रकाशित ‘तीन रोज़ इश्क़’ को कथा की श्रेणी में आठवां स्थान प्राप्त हुआ है। पटना वीमेंस कॉलेज से पढ़ीं पूजा अब बंगलौर में निवासित हैं और मुख्यतः रूहानी किरदारों को रचने के लिए अपने प्रशंषकों के बीच जानी जाती हैं।
इसके अलावा ‘बकर पुराण’ नाम से कथा-कहानियों-लेखों को समर्पित पेज चलाने वाले अजीत भारती की रचना ‘बकर पुराण’ को कथेतर श्रेणी में नौंवा स्थान मिला है। अजीत बेगुसराय के रहने वाले हैं और अक्सर सोशल मीडिया के माध्यम से ज्वलंत मुद्दों पर स्पष्ट वक्तव्य दिया करते हैं। इनकी पहली ही रचना ‘बकर पुराण’, जो हिन्द युग्म प्रकाशन द्वारा प्रकाशित की गई, ने युवाओं को खासा आकर्षित किया और देखते ही देखते इसकी लोकप्रियता ने इसे बेस्ट सेलर की सूची में भी शामिल करा दिया।