“कोशिश करने वालों की कभी हार नही होती”
कुछ ऐसी हीं उदाहरण बन कर उभर आई है बेगूसराय जिले की ये बेटी ऐसी भी है, जो गरीब-नि:सहाय परिवार की लड़कियों के लिए रोल मॉडल बन गई है। यह नाम है जिला से करीब सात किलोमीटर दूर स्थित सरौंजा निवासी फदौर सहनी की पुत्री बेबी कुमारी का।
वीरपुर प्रखंड, सरौंजा के निवासी एक छोटे से मछुआरे फौदार सहनी के पांच संतानों में दूसरी संतान बेबी कुमारी है। बचपन में पिता के साथ गांव के छोटे से तालाब में मछली पकड़ते-पकड़ते वह तैरने की तमाम बारीकियों को जानी। गांव के प्राइमेरी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा पूरी कर एसबीएसएस कॉलेज से स्नातक कर रही है। गांव से निकल छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं में भाग लेती हुई बेबी नेशनल और इंटरनेशनल स्तर तक की प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का जौहर बिखेर चुकी है। दर्जनों गोल्ड मेडल के साथ ही करीब ढाई दर्जन सिल्वर और कांस्य पदक प्राप्त किया।
इसमें अब तक की इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि गोवा में आयोजित वल्र्ड तैराकी प्रतियोगिता 2016 में गोल्ड मेडल जीतना है। इस स्वीमिंग प्रतियोगिता में बेबी ने इंग्लैंड, श्रीलंका, नेपाल सहित अन्य देशों के प्रतिभागियों को पछाड़ते हुए गोल्ड मेडल पर कब्जा जमाने में सफल हुई थीं। बेबी को इसी उपलब्धि के इनाम के रूप में सीआरपीएफ में नौकरी मिली है। फिलहाल वह पंजाब में ट्रेनिंग ले रही है।
बिहार की इस बेटी को प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कर चुके हैं सम्मानित: बेबी को यूं तो सैकड़ों सम्मान मिले हैं। परंतु, बेबी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम नीतीश कुमार से मिले सम्मान की चर्चा हर जगह करना नहीं भूलती। बेबी बताती हैं कि वह 2007 से लेकर 2014 तक बिहार चैंपियन रही हैं। अपनी इस कामयाबी के लिए गुजरात के तात्कालिक मुख्यमंत्री और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं।
बेबी की इच्छा है 2018 में ओलंपिक में हिस्सा लेने की। बेबी ने बताया कि फिलहाल वे पूरा फोकस ट्रेनिंग पर दे रही है। ट्रेनिंग के साथ ही वह मौका मिलते ही किसी स्वीमिंग पुल में जाकर प्रैक्टिस करती है। बेबी कहती है कि वह भारत की तरफ से ओलंपिक में भाग लेना चाहती है।