यह बहादुर बेटी है माउंट एवरेस्ट पर देश का तिरंगा फहराने वाली पहली बिहारी

माउंट एवरेस्ट दुनिया का सबसे ऊंचा शिखर है जिसे फतह करने का सपना ना जाने कितने लोग हर साल देखते हैं, पर कुछ ही लोग यह मुकाम हासिल कर पातें हैं| ऐसी ही एक शख्सियत का नाम है निरुपमा पांडे जिनके अदम्य साहस का कारनामा हम आज जानेंगे|

निरुपमा पांडे की शख्सियत खास इसलिए भी है क्योंकि वे बिहार से माउंट एवरेस्ट फतह करने वालीं वो पहली शख्स हैं| आइए जानते हैं बिहार के इस बेटी की कहानी जिसने न सिर्फ देश का नाम रौशन किया बल्कि उसके साथ बिहार को भी उस लिस्ट मे जोड़ दिया जिसमें अभीतक सिर्फ 13 राज्य शामिल हो पायें है|

पुरुष प्रधान देश में जहाँ डिफेन्स में जाने के जज्बा बहुत कम लोग दिखते है वही निरुपमा ने २००३ में इंडियन एयरफोर्स में फ्लाइंग अफसर रैंक पे जॉइन करके महिला सशक्तिकरण का जबर्दस्त उदाहरण पेश करते हुए बिहार का गौरव बढ़ाया|बिहार के सिवान जिले के जामो गावं में जन्मी निरुपमा को कॉलेज से ही ट्रैकिंग का बहुत शौख था| न सिर्फ ट्रैकिंग बल्कि कॉलेज में ये नेशनल कैडेट कोर का भी हिस्सा थी| केन्द्रीय विद्यालय पुणे से स्कूल और नेस वडिआ कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स पुणे से MBA करने के बाद निरुपमा बहुत ही सुखी जीवन बिता सकती थी लेकिन दृढ निश्चयी निरुपमा ने एयर फाॅर्स को चुना|

अपना इतिहास अपने हाथो लिखने में माहिर निरुपमा ने दुनिया के सबसे ऊँचे शिखर को अपना लक्ष्य बनाया और 2007 से उन्होंने नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग उत्कर्ष में माउंटेनियरिंग की ट्रेनिंग शरु की| 4 साल की कड़ी मेहनत और कुशल प्रशिक्षण के बाद आख़िरकार वो दिन आया 25 मई 2011 के सुबह 10:15 बजे जब उन्होंने माउंट एवेरेस्ट पे भारतीय तिरंगा लहराया और बिहार से दुनिया के सबसे ऊंचि चोटी  पे फतह करने वाली पहली व्यक्ति बनने का गौरव हासिल किया|

इस अदम्य सहस का परिचय देने और बिहार का मान बढ़ने के लिए बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार ने निरुपमा पांडेय को अति विशिष्ट खेल पुरस्कार से नवाजा| निरुपमा अभी एयरफोर्स में स्क्वाड्रन लीडर के पद पे इंडियन एयरफोर्स में कार्यरत है| माउंट एवरेस्ट के अलावा ये माउंट कमेट (7757m), माउंट अभिगामिनी (7357m) गढ़वाल, माउंट सासेर (7672m) , माउंट स्टॉक कांगारी (, 6121 m), माउंट गुलाब कांगरी (6100m) को भी फतह कर चुकी है|

 

इस अदम्य साहसी और बहादुर बिहारी बेटी पर अपना बिहार को गर्व है|

Premjeet Kumar: