आख़िरकार आदित्य सचदेवा को को कोर्ट से न्याय मिल गया| रोडरेज में गोली मारकर युवा आदित्य सचदेवा की हत्या मामले में बुधवार को गया के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सच्चिदानंद सिंह ने जदयू से निलंबित मनोरमा देवी के पुत्र रॉकी यादव, उसके चचेरे भाई टेनी यादव और सरकारी अंगरक्षक राजेश कुमार को सश्रम आजीवन कारावास तथा रॉकी के पिता बिंदी यादव को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई। अलग-अलग मामलों में भी सजा सुनाई गई। सारी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। खचाखच भरी अदालत में सजा सुनाए जाने के बाद चारों अभियुक्तों को गया केंद्रीय कारागार भेज दिया गया।
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश सच्चिदानंद प्रसाद सिंह की अदालत ने मुख्य अभियुक्त रॉकी यादव को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया था। वहीं चचेरे भाई टेनी यादव और बॉडीगार्ड को भी आईपीसी की धारा 302 के तहत दोषी करार दिया था। अदालत ने रॉकी के पिता बिंदी यादव धारा 212 के तहत यानी आरोपी को शरण देने का दोषी ठहराया था।
क्या था मामला
7 मई 2016 आदित्य अपने दोस्तों के साथ बोधगया से गया अपनी ही कार से लौट रहा था। सफर में रॉकी यादव से साइड देने को लेकर झगड़ा हुआ और रॉकी ने उसे गोली मार दी। इस मामले ने बिहार की राजनीति को गर्मा दिया था। आदित्य को अस्पताल ले जाते जाते ही उसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी।
इस मामले में रॉकी यादव के साथ रहे टेनी यादव और एमएलसी के अंगरक्षक राजेश कुमार को भी जेल भेजा गया था। रॉकी जेल में है। इस मामले में 9 मई 2016 को रामपुर थाना में कांड संख्या 130/16 दर्ज है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 11 सितंबर से पहले इस केस का फैसला हो जाना चाहिए।