बिहार सरकार ने अब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र में निवेशकों को लुभाने के लिए कमर कस ली है। इसके तहत राज्य सरकार ने अगले हफ्ते पटना में निवेशकों का एक सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया है। इस सम्मेलन में निवेशकों को राज्य में आईटी उद्योग की संभावनाओं के बारे में बताया जाएगा। राज्य सरकार ने इस उद्योग के लिए जमीन की किल्लत की बात सिरे से खारिज कर दी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग की समीक्षा के बाद सीएस अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में आईटी के क्षेत्र में बड़े स्तर पर निवेश करने के लिए 14 सितंबर को राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार का आयोजन किया जायेगा| हाल में आईटी क्षेत्र के बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए दिल्ली और मुंबई में एक रोड शो भी किया गया था| राज्य में आने वाली आईटी कंपनियों को सरकार कई तरह की विशेष सुविधा प्रदान करेगी|
विशेष आईटी पॉलिसी जल्द : सीएस ने कहा कि राज्य में डीबीटी (डाॅयरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिये सभी योजनाओं के रुपये सीधे लाभुकों के बैंक खाते में ट्रांसफर करने का काम चल रहा है| सिर्फ साइकिल और पोशाक योजना के तहत डेढ़ करोड़ से ज्यादा बच्चों के रुपये ट्रांसफर किये गये हैं| इस तरह से राज्य में डाटा को रखने का बोझ बढ़ता जा रहा है| इस तरह के डाटा को संधारित करने के लिए आईटी में एक व्यापक स्तर पर योजना तैयार की जा रही है| डाटा रखने की क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ इसकी हैंडलिंग और सुरक्षा से जुड़े सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए नीति बन रही है|
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही शहर के प्रमुख पार्कों मसलन इको पार्क, राजधानी पार्क समेत अन्य पार्क के अलावा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर मुफ्त वाई-फाई सुविधा बहाल होगी| धीरे-धीरे इसका दायरा पूरे शहर में बढ़ा दिया जायेगा| इसके लिये व्यापक योजना पर काम चल रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में शहर के 306 कॉलेजों में वाई-फाई सुविधा बहाल हो गयी है| जल्द ही वाटसअप, फेसबुक समेत अन्य सुविधाएं बहाल कर दी जायेगी|