बिहार की धरती होनहार छात्रों से भरा पड़ा है, चाहे परिस्थिति कैसी भी हो वो हर परिस्थिति से लड़ते हुए अपनी मेधा के बदौलत खुद को साबित करते हैं अपने राज्य और देश को गौरवान्वित करते हैं.
एक बार फिर से बिहार के लाल दिग्विजय ने समस्त राज्यवासियों को गर्व करने का मौका दिया है. चम्पारण दिग्विजय ने भारतीय इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (IES) -2017 में पूरे भारत में 55वां रैंक हासिल किया है.
बैरिया प्रखण्ड साधनसेवी हरेन्द्र यादव और मीरा देवी के पुत्र दिग्विजय ने यह कारनामा प्रथम प्रयास में ही किया है और इंजीनियरिंग सेवा के मैकेनिकल शाखा की परीक्षा में अपना परचम लहराकर चंपारण का नाम ऊंचा किया है. बता दें कि दिग्विजय ने स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर से आठवीं तक पढ़ाई की. फिर केंद्रीय विद्यालय से दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण की और शुरू से ही अपने मेधावी होने का परिचय दिया. जहां दसवीं की परीक्षा में इन्होंने केंद्रीय विद्यालय में टॉप किया था.
आगे दिग्विजय ने जेएनयू कैंपस दिल्ली से प्लस टू की पढ़ाई की और वहां भी इन्होंने 90% से अधिक अंक लाकर यह बताया कि गांव की मिट्टी से जुड़े लोगों में भी प्रतिभा कूट-कूट कर भरी होती है. बता दें कि हरेंद्र प्रसाद यादव बैरिया प्रखंड के ही बरगछिया गांव के निवासी हैं. यहां बताते चलें कि दिग्विजय का चयन डीआरडीओ एवं इसरो में भी वैज्ञानिक के रूप में हुआ है. इसके अलावा गेट में 115 वां स्थान इन्होंने प्राप्त किया है. जिस कारण भारत की महारत्न कंपनियों में उनका चयन हुआ है.
दिग्विजय ने बताया कि इस सफलता का श्रेय वे अपने माता पिता और गुरुजनों को देते हैं. उनकी इस उपलब्धि पर विद्या भारती के विभाग निरीक्षक उमाशंकर पोद्दार ने उन्हें बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. उन्होंने कहा कि यह जिले के लिये गौरव का विषय है. वहीं केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य प्रेमनारायण और मनोज कुमार ने भी उनकी इस उपलब्धि के लिये उन्हें बधाई दी है.