राज्य वेतन आयोग ने राज्य कर्मियों को मिलने वाले भत्तों को लेकर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार को सौंप दी। संभावना है कि राज्य कैबिनेट की अगली बैठक में इसे मंजूरी मिल जाए। आयोग ने केंद्र की तर्ज पर राज्यकर्मियों को भी भत्ता देने की सिफारिश की है।
राज्य कर्मियों का आवास भत्ता तीन तरह का होगा। राज्य के नौ लाख 60 हजार कर्मियों और पेंशनधारियों को इसका लाभ मिलेगा। पटना में रहने वालों को मूल वेतन का 16 फीसदी, अन्य बड़े शहरों में रहने वालों को आठ फीसदी और अन्य को चार फीसदी आवास भत्ता मिलेगा। पहले यह क्रमश: 20, 10 और पांच फीसदी था। सातवां वेतनमान लागू होने के बाद राज्य कर्मियों के मूल वेतन में वृद्धि हुई है। इसलिए अब इस मूल वेतन पर ही भत्ता तय होगा। जो मौजूदा भत्ता से अधिक होगा। गौरतलब हो कि केंद्रीय सातवें वेतनमान को लेकर अपनी अनुशंसा देने के लिए जनवरी-2017 से राज्य वेतन आयोग काम कर रहा था। पहले आयोग ने वेतनमान पर अपनी रिपोर्ट दी। इसका आर्थिक लाभ अप्रैल 2017 से लागू है। अब भत्ता पर आयोग ने रिपोर्ट दी है। पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग की अध्यक्षता में आयोग का गठन किया गया। वित्त विभाग के सचिव राहुल सिंह और ग्रामीण कार्य विभाग के सचिव विनय कुमार आयोग के सदस्य हैं।
इसके साथ ही सरकार सूबे के सभी राज्यकर्मियों को दशहरा व दुर्गापूजा के पहले ही वेतन का भुगतान करेगी| उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस आशय के प्रस्ताव को मंगलवार को अपनी स्वीकृति दे दी| उन्होंने बताया कि हाइकोर्ट के न्यायाधीशों, पदाधिकारियों व सभी राज्यकर्मियों को सितंबर माह का वेतन 21 से 23 सितंबर के बीच भुगतान कर दिया जायेगा|
हाइकोर्ट दुर्गा पूजा व गांधी जयंती के मौके पर 24 सितंबर से दो अक्तूबर तक बंद रहेगा| इसके मद्देनजर छुट्टी के पूर्व वेतन भुगतान का अनुरोध वित्त विभाग से किया गया था| वित्त विभाग के कर्मियों ने सितंबर के वेतन का भुगतान दुर्गा पूजा के पूर्व करने के लिए आवेदन दिया था|