राजनेताओं, महापुरुषों के नाम पर बने चौक-चौराहों के बारे में तो आपने सुना ही होगा पर क्या एक अधिकारी के नाम पर बने चौराहे के बारे में आप जानते हैं? अगर नहीं तो आइए जानते है, बिहार कैडर के सबसे कर्मठ व ईमानदार अधिकारी व भागलपुर और मुंगेर रेंज के डीआईजी विकास वैभव के नाम पर बगहा जिले में एक चौराहे का नामांकरण किया गया है। बगहा जिले के पिपरा–समरकोल गांव के बीच एक चौराहा है जिसका नाम ‘विकास वैभव चौराहा’ रखा गया है। हालांकि काफी समय से लोग इस चौराहे को विकास वैभव चौराहे के नाम से ही जानते हैं लेकिन आगामी 1 सितंबर से विधिवत इस चौराहे का नाम विकास वैभव चौराहा रख दिया जाएगा।
इसके पीछे कारण पर्यावरण संरक्षक गजेंद्र यादव बताते हैं कि वर्ष 2007 में श्री विकास वैभव बगहा के एसपी बनकर आये थे, तब यह चौराहा एक सुनसान और खरनाक चौरास्ता हुआ करता था, अपराधियों का अड्डा था यह जगह। दिन में भी लोग इस रास्ते से गुजरने से डरते थे । उस समय मैंने पर्यावरण संरक्षण को लेकर इस चौराहे पर पेड़ लगाने का फैसला किया और इसके लिए मैं विकास वैभव सर से मिला और उन्होंने मुझे भरपूर सहयोग दिया, उन्होंने तब इस चौराहे पर एक पौधा लगाया था। उन्होंने न सिर्फ पौधा लगाया बल्कि इस चौराहे पर अड्डा मारने वाले अपराधियों को सही जगह यानी सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। नतीजा आज यह चौराहा कमल के फूल की तरह खिला हुआ दिखता है, जरूरत के हर दूकान और व्यापार यहाँ मौजूद हैं और दिन की बात कौन करता है, रात में भी लोग निडर होकर इस रास्ते से गुजरते हैं। यह सब विकास वैभव सर के कारण ही सम्भव हो सका है इसलिए हमसब यहाँ आसपास मौजूद सारे गांववालों ने यह तय किया कि इस चौक का नाम ‘विकास वैभव चौराहा ‘ रख दिया जाए।
गजेंद्र यादव कहते हैं कि विकास वैभव सर हर अच्छे काम करने वाले लोगों का पूरा सहयोग करते हैं जैसे उन्होंने मुझे किया , शुरू में जब मैं पौधे लगाता था तो सब मुझसे हँसते थे लेकिन जब विकास वैभव सर को मैंने सपोर्ट करने को कहा तो वो तुरंत मान गए और उसी चौराहे पर उन्होंने पौधा लगाकर लोगों को यह संदेश दिया कि पौधा लगाना एक सराहनीय काम है, इसका सकारात्मक असर यह हुआ कि सर के कई लोग मुझसे जुड़े जिससे मेरा मनोबल काफ़ी ऊँचा हुआ और मैंने अब तक सात लाख पौधे लगा दिये।
गौरतलब है कि विकास वैभव अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित और जन सरोकार के साथ सार्थक पुलिसिंग के लिए काफी मशहूर हैं। साथ ही भारत की ऐतिहासिक विरासत, संस्कृति और प्राचीन कालीन पौराणिक इतिहास के धरोहरों पर शोध करने के लिए भी जाना जाता है। उनके साइलेंट पेजेज ऑफ इंडिया ब्लॉग को लाखों लोग अबतक पढ़ चुके हैं।