पटना के गांधी मैदान में 27 अगस्त (रविवार) को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की ओर से आयोजित होने वाली ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली को लेकर सियासत तेज हो चुकी है| लालू की ‘भाजपा भगाओ रैली’ से तमाम दिग्गज नेताओं ने दूरी बना ली है। सूत्रों के मुताबिक बसपा सुप्रीमो मायावती के बाद अब कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी और पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस रैली से दूरी बना ली है| वहीं मुलायम रैली में अखिलेश के साथ दिखेंगे इसकी उम्मीद भी कम है।
वैसे लालू और उनका परिवार 27 अगस्त को विपक्षी एकता को दिखाने की पूरी तैयारी में लगा है। बसपा सुप्रीमो के इस रैली में शामिल नहीं होने की सूचना को वे निराधार बता रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लालू सार्वजनिक मंच से मायावती को राज्यसभा भेजने की बात कह चुके हैं, इसके बाद मायावती का राजद की रैली में शामिल न होना बताता है कि राजनीतिक सौदेबाजी में अभी सही मूल्यांकन का सबको इंतजार है।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की रविवार को पटना में आयोजित होने वाली रैली में गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने की संभावना है| सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस राजद और उसकी रैली को समर्थन दे रही है, लेकिन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हिस्सा लेने की संभावना नहीं है|
एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने बताया कि कांग्रेस राजद का समर्थन करती है और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद 27 अगस्त को पटना में आयोजित लालू प्रसाद की रैली में हिस्सा लेंगे| राहुल गांधी ने इससे पहले पटना की रैली में हिस्सा लेने का संकेत दिया था लेकिन विश्लेषकों की राय में रैली में उनकी उपस्थिति से कई पहलू पर फर्क पड़ता क्योंकि लालू और उनके बेटे पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं|
वैसे कांग्रेस और वाम दल के अलावा अब तक इस रैली को लेकर अन्य किसी दल ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जबकि भाजपा विरोधी 18 दलों को निमंत्रण भेजा गया है। ममता पहले जरूर पटना आने की बात कही थीं, लेकिन उनके ताजा बयान प्रधानमंत्री मोदी के प्रति उनके नरम रुख को दिखा रहा है।
शरद यादव को लेकर भी यह चर्चा राजनीतिक गलियारे में चल रही है कि राजग में उनके बेटे के लिए जगह नहीं बन रही थी, जबकि जदयू से अलग होकर उन्होंने बेटे के लिए बिहार और दामाद के लिए हरियाणा में जमीन पा ली है।