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बिहार के लाल की कारनामें, दिल्ली से कीजिए कॉल, पटना में ऑन हो जाएगा एसी-फ्रिज

दुनिया के किसी भी कोने से बैठकर अपने घर के एसी, फ्रिज, टीवी, वाशिंग मशीन, कूलर, मोटर या माइक्रोवेव ओवन को ऑन कर सकते हैं। बस आपको मोबाइल पर कॉल करना है। ये उपकरण ऑटोमैटिक चालू हो जाएगा।

बिहार के सारण जिले के मढ़ौरा प्रखंड के ITI के छात्र ने यह मॉडल बनाया है। हाल ही में इसका डेमो छात्रों ने पटना में दीघा आइटीआइ में लगी प्रदर्शनी में किया। इस सिस्टम को चेक करने के लिए दिल्ली, कोलकाता, बेंगलुरु आदि शहरों से फोन कराया गया। कॉल कर कूलर का मोटर ऑन किया गया और फिर टाइमर की मदद से उसे निश्चित अवधि के बाद बंद कर दिया गया।

प्रोजेक्ट के इंस्टक्ट्रर सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि इस सिस्टम को असेंबल करना बहुत आसान है। ऑटो कॉल रिसीवर से युक्त मोबाइल को डबल टोन मल्टीपल फ्रिक्वेंसी (डीटीएमएफ) से जोड़ा जाता है। इससे कॉल करने पर यह इनकोड को डिकोड करता है, और सात नंबर बटन दबाते ही ऑटोमेटिक रिसीवर ऑन हो जाता है। टाइमर की मदद से संबंधित सिस्टम को ऑफ किया जाता है। इसके लिए घर में बेकार पड़े मोबाइल का भी उपयोग कर सकते हैं।

प्रोजेक्ट के चीफ इंस्ट्रक्टर ललित कुमार साहू ने बताया कि अभी मोबाइल से कॉल कर किसी भी सिस्टम को ऑन करने की सुविधा है। ऑफ करने की प्रक्रिया पर काम जारी है। फिलहाल टाइमर के माध्यम से सिस्टम को बंद किया जाता है। इसे मैन्युअल सेट किया जाता है।

कॉल से विस्फोट हो सकता है तो सिंचाई क्यों नहीं 

प्रोजेक्ट से जुड़े विद्यार्थियों ने बताया कि कॉल कर विस्फोट की खबरें हमेशा अखबार में पढ़ता था। विचार आया कि यदि मोबाइल से कॉल कर विस्फोट हो सकता है तो खेत की सिंचाई क्यों नहीं हो सकती। इसके लिए यू-ट्यूब पर पूरे सिस्टम को समझा।

मोटर पंप से जोड़कर पिछले साल इस पर काम शुरू किया गया। दो-तीन असफलता के बाद कई मीटर दूर बैठकर मोटर को ऑन करने में सफलता हाथ लगी। इस साल की गर्मी में दर्जनों कूलर और एसी को इस सिस्टम से जोड़ा गया। प्रयोग शत फीसद सफल रहा है।

इस प्रोजेक्ट में शामिल तीनों विद्यार्थी मढ़ौरा स्थित आइटीआइ में पढ़ाई करते हैं। किसान परिवार से आने वाले प्रदीप कुमार राय, शुभम कुमार और फिरोज आलम की ख्वाहिश है कि इस प्रोजेक्ट पर बड़े स्तर पर काम हो। सरकार और किसी कंपनी से सहयोग मिले तो इसे बड़े पैमाने पर असेंबल किया जा सकता है। इंस्ट्रक्टर के रूप में आइटीआइ शिक्षक सुधीर कुमार सिंह और श्रीकांत इस प्रोजेक्ट से जुड़े हैं।

 

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