बिहार में शराब बंदी के बाद अब एक नई सुविधा आम लोगों के लिए शुरू की जा रही है। खासबात यह है कि यह सुविधा एमपी पुलिस से इंपायर्ड होकर शुरू करी जा रही है। बीते दो साल से एमपी में डायल 100 की सेवा जारी है। पुलिस से सीधा कॉन्टेक्ट करने का यह जरिया बिहार में खासा पसंद किया जा रहा है। जिसके बाद बिहार पुलिस भी इसे अपने यहां लागू करने की कवायद में जुट गई है।
बिहार के पुलिस महानिरीक्षक (आधुनिकीकरण) अमित कुमार जैन ने राज्य स्तरीय पुलिस कन्ट्रोल रूम डायल-100 के भ्रमण के दौरान बताया, “मध्यप्रदेश पुलिस की डायल 100 सेवा की सफलता एवं ख्याति से प्रेरित होकर बिहार राज्य भी अब डायल-100 योजना लागू करने जा रहा है.” उन्होंने कहा कि इस योजना में जिस प्रकार कन्ट्रोल रूम में प्राप्त सूचनाओं पर की गई कार्रवाई की निगरानी एवं उसका रियल टाइम रिकार्ड रखा जाता है वह इस योजना को सबसे बेहतर बनाता है.
उन्होंने अन्य राज्यों में लागू की गई डायल-100 योजना का भी अवलोकन करने और उनसे तुलना करने के बाद कहा कि डायल-100 योजना पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाने की देश की सर्वोत्तम योजना है. जिस प्रकार मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्य में इस सेवा का सफलतम संचालन हो रहा है उससे अन्य राज्यों में भी ऐसी ही आपातकालीन पुलिस रिस्पांस सेवा शुरू करने का आत्मविश्वास जाग्रत हुआ है.
जैन ने यहां राज्य स्तरीय पुलिस कन्ट्रोल रूम डायल-100 भोपाल में योजना की परिकल्पना, इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार शासन से मंजूरी प्राप्त कर शून्य से वर्तमान तक के डायल-100 के सफर की जानकारी ली तथा डायल-100 सेवा चालू करने में एवं अब तक क्या-क्या व्यवहारिक कठिनाइयां आईं एवं किन चुनौतियों का सामना किया इसकी भी चर्चा की गई.
सबसे अच्छी योजना
विशेषज्ञों का कहना है कि मप्र में शुरू हुई डायल 100 योजना क्राइम रिकार्ड को कंट्रोल करने और आम लोगों में पुलिस की छवि सुधारने की सबसे अच्छी पहल है। आपातकालीन पुलिस रिस्पांस सेवा के जरिए मप्र की छवि बाकी राज्यों में सामने काफी सुधरी है। लोगों को सीधे पुलिस की मदद मिल रही है। रात की गश्त से ज्यादा असर डायल 100 का देखने मिला है। इससे उन लोगों को मदद मिल रही है जो अब तक पुलिस की मदद लेने में हिचकिचाते थे या नहीं जानते थे कि किस प्रकार पुलिस से संवाद किया जाए।