क्या आपने ‘क्वांटम ऑफ़ फिजिक्स’ (Quantum of Physics) का नाम सुना है? क्या आपने ‘कॉन्सेप्ट ऑफ़ फिजिक्स’ (Concept of Physics) के दो संस्करणों का लाभ उठाया है? तो जरूर आपने बारहवीं में विज्ञान की पढ़ाई की होगी और H.C. Verma को इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं का गुरु माना होगा| IIT की तैयारी करते छात्रों के लिए इनकी किताबें उसी तरह महत्वपूर्ण हैं जिस तरह धार्मिक व्यक्तियों के लिए उनके धार्मिक ग्रन्थ| इनकी भौतिकी की किताबों से एक-दो हजार नहीं, बल्कि लाखों छात्र इंजिनियर बने हैं|
दरअसल H.C. Verma पटना के रहने वाले हैं और इनके ट्विटर अकाउंट पर यकीन करें तो ये खुद को ‘प्राउड बिहारी’ कहने से भी नहीं चूकते| इनकी शुरूआती पढ़ाई भी यहीं हुई| शुरुआत में विज्ञान में इनकी खास रुचि नहीं थी| आम छात्रों की तरह अच्छे नंबर पाने के लिए इन्हें भी संघर्ष करना पड़ा था| लेकिन कहते हैं न, एक सच्चा बिहारी अपने जज्बे से हर जिद पूरी करना जानता है| H.C. Verma ने भी वही किया|
जिस विषय ने इनसे ज्यादा संघर्ष कराया, उसी विषय के पीछे लग गये और तब तक उससे जूझते रहे जबतक उसे सबके लिए आसान न बना दिया|
H.C.Verma ने पटना साइंस कॉलेज से भौतिकी में स्नातक किया और फिर IIT कानपूर में M.Sc करने को निकल पड़े| वहाँ 9.9 GPA से टॉप करने के बाद पीएचडी करने लगे और महज तीन साल के अंदर डॉक्टरेट की उपाधि भी ग्रहण कर ली| सन् 1980 में पटना साइंस कॉलेज में लेक्चरर के तौर पर नियुक्त हुए|
एक अच्छा और छात्रों का प्रिय शिक्षक वही बन पाता है जो छात्रों की समस्याओं को उनके लेवल तक जाकर समझे और तब उसे हल करे| H.C.Verma ने भी महसूस किया कि क्लास के टॉप स्टूडेंट्स भी भौतिकी को उतने मजे से नहीं पढ़ पा रहे हैं| गाँव के प्रतिभाशाली बच्चों को भी भौतिकी समझने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है| बस यहीं से दास्ताँ शुरू हुई इस कालजयी किताब के रचे जाने की|
कठिन उदाहरणों को रुचिकर और आसपास के माहौल पर सेट करते हुए तकरीबन आठ साल का मूल्यवान समय लगाकर इन्होंने ‘कॉन्सेप्ट ऑफ़ फिजिक्स’ (Concept of Physics) की रचना की जिसे आजतक विद्यार्थी ही नहीं वरन शिक्षक भी इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए आदर्श मानते हैं|
इसके पश्चात् सन् 1994 में H.C. Verma वापस IIT कानपुर चले गये और वहाँ कई कोर्सेज पढ़ाने के साथ-साथ रिसर्च में भी लगे रहे| यहीं इन्होंने ‘क्वांटम ऑफ़ फिजिक्स’ की भी रचना की| लगभग 38 सालों तक अध्यापन कार्य करने के बाद छात्रों के बेहद प्रिय बन चुके H.C. Verma सर हाल ही में (2017 में) रिटायर कर गये|
इसकी सूचना उन्होंने ट्विटर के जरिये दिया| उन्होंने ट्वीट किया-
“Finally locked my IITK lab and submitted the keys to Office. End of 38 years of formal teaching and research.”
सर H.C. Verma नये युग के सोशल मीडिया पर निरंतर सक्रीय रहकर नई तकनीक का स्वागत करते दिखते हैं| ट्विटर पर अक्सर नासा और इसरो के पोस्ट्स शेयर करते रहते हैं|