रविवार को जेईई एडवांस का रिजल्ट जारी हुआ। इसमें सफल केशव के संघर्ष की दास्तान उदाहरण है। पिता की मौत के बाद पूरा परिवार अचानक सड़क पर आ गया। दो वक्त की रोटी का जुगाड़ भी मुश्किल हो गया। ऐसा भी वक्त आया कि पानी पीकर हफ्तों पढ़ाई की। हिम्मत के बल पर सपनों की उड़ान जारी रही। इस उड़ान को पंख दिया ‘अभयानदं सुपर 30’ ने। परिणाम सामने है। केशव राज जेईई एडवांस की परीक्षा में 487 रैंक के साथ सफलता का परचम लहरा रहा है।
केशव की बहन रश्मि ने बताया कि उनका परिवार पहले से ही गरीबी में जी रहा था। पिता विनय कुमार सिंह प्राइवेट जॉब करते थे। अचानक उन्हें कैंसर हो गया। इलाज में सबकुछ खर्च हो गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 2013 में उनकी मौत के बाद परिवार में कोई भी कमाने वाला नहीं बचा। पिता की मौत के बाद पूरा परिवार सड़क पर आ गया। उस वक्त केशव आठवीं में तो बहन रश्मि 12वीं में थी। यह फैसले की घड़ी थी। रश्मि ने बताया कि उसने परिवार चलाने के लिए पढ़ाई छोड़ नौकरी करने का फैसला किया। पिता की मौत के बाद केशव के टूटे मनोबल को संभाल पटना में रहकर ही उसको पढ़ाने का फैसला कर लिया।
रश्मि ने बताया कि उसने पढ़ाई छोड़ पटना में नौकरी की खोज शुरू की, लेकिन बहुत मुश्किल आई। एक वक्त ऐसा भी था जब घर में छह दिनों तक खाने को कुछ नहीं था। भावुक रश्मि ने बताया कि उन्होंने छह दिनों तक पानी पीकर गुजारे। केशव ने उस समय भी पढ़ाई नहीं छोड़ी। वह पानी पीकर दिन भर पढ़ता रहता था।
इसी बीच केशव के एक शिक्षक ने उसकी मुलाकात अभयानंद से करवायी। उन्होंने रश्मि को नौकरी दी, साथ ही केशव को अपनी कोचिंग में पढ़ने की अनुमति भी दे दी। इस तरह परिवार के लिए रोटी का इंतजाम हुआ तो केशव के सपनों को भी उड़ान मिली।