केंद्र सरकार ने पटना मेट्रो प्रोजेक्ट को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। वर्ष 2013 से इस प्रोजेक्ट को लेकर राज्य सरकार प्रयास कर रही है। केंद्र सरकार के पास इसकी डीपीआर व अन्य आवश्यक रिपोर्ट तैयार कर अंतिम रूप से दिसंबर, 2016 में ही भेज दिया गया है। केंद्र के विभिन्न विभागों की ओर से इस प्रोजेक्ट को अनापत्ति प्रमाणपत्र दिये जाने की प्रक्रिया जारी थी। इसी बीच केंद्र सरकार ने राज्य को पत्र लिख कर सूचित किया है कि जब तक मेट्रो पॉलिसी तैयार नहीं हो जाती, तब तक किसी भी मेट्रो प्रोजेक्ट के प्रस्ताव की स्वीकृति नहीं दी जा सकती। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार के इस निर्णय से राज्य के इस प्रोजेक्ट को झटका लगा है। अब राज्य सरकार की भूमिका खत्म हो गयी है। अब केंद्र के ऊपर निर्भर करता है कि वह कब तक मेट्रो पॉलिसी तैयार करती है। इसके बाद ही पटना मेट्रो प्रोजेक्ट पर सहमति मिलने की संभवना है।
बता दें कि पटना में मेट्रो चलने को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। लोग जल्दी-से-जल्दी शहर में मेट्रो चलने की आस लगाए हुए हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार के इस रूख से लोगों को गहरा झटका लगा है। नीतीश कैबिनेट ने पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर मुहर लगा दी थी। पटना मेट्रो की डीपीआर कैबिनेट में पेश की गई थी जिसे मंजूरी दे दी गई थी। पूरे प्रोजेक्ट की लागत राशि 16, 960 हजार करोड़ रुपए आने की उम्मीद जताई जा रही थी। ये भी कहा जा रहा था कि पटना मेट्रो का पहला फेज 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा। शुरू में 31 किमी के दो कॉरिडोर के लिए काम शुरू होने की उम्मीद जताई गई थी। इस मेट्रो लाइन में कुल 27 स्टेशनों की योजना बनाई गई थी। लेकिन अब केन्द्र सरकार की रोक के बाद लोगों में मायूसी फैल गई है।