बॉलीवुड ने कर दिया रिजेक्ट तो हॉलीवुड जा पहुंचा और वहां बन गया हीरो।
हम बात कर रहे हैं, बिहार के छपरा जिले के अमनौर के रहने वाले प्रभाकरण शरण की। अब वे एक हॉलीवुड फिल्म में लीड एक्टर के तौर पर काम कर रहे हैं।
प्रभाकर के अनुसार बॉलीवुड में एक्टिंग का मूड हुआ तो वे मनोज वाजपेयी के पिता के पास पहुंच गए। उनसे एक पत्र लिखवाया और उसे लेकर बॉलीवुड के कई डायरेक्टर्स और प्रोड्यूसर्स के पास गए। लेकिन, किसी ने नहीं दिया काम।
मायूस होकर इसके बाद प्रभाकर व्यापार करने लैटिन अमेरिकी देश कोस्टारिका चले गए। वहां खुद को स्थापित करने के बाद फिल्म वितरण के धंधे में भी कूद गए। कोस्टारिका में बॉलीवुड की पांच-छह फिल्में रिलीज कराईं।
2006 में लैटिन अमेरिका में फिल्म ‘गरम मसाला’, ‘कहो न प्यार है’, ‘बनारस’ आदि फिल्में रिलीज कीं। इनसे अच्छी आमदनी हुई। लेकिन, एक्टिंग का जनून अभी तक कम नहीं हुआ था। प्रभाकर ने ‘मॉन्सटर ट्रक जैम शो’ में भी काम किया। लैटिन अमेरिका में हॉलीवुड फिल्म ‘इनरेदादोस: ला कन्फ्यूजन’ उनकी पहली फिल्म है। यह फिल्म इसी साल 9 फरवरी को रिलीज हुई। इसमें वे लीड रोल में हैं। डायरेक्टर आशीष मोहन द्वारा निर्देशित यह फिल्म अमेरिका समेत 14 देशों में रिलीज हुई। फिल्म का निर्माण कोस्टारिका की टेरेसा रॉड्रिग्स ने किया। प्रभाकर अब इस फिल्म को हिंदी, अंग्रेजी और भोजपुरी में डब कराना चाहते हैं।
प्रभाकर ने बताया कि फिल्म में दो युवाओं की कहानी है, जो अपनी गलतियों की वजह से मुश्किल में घिर जाते हैं। फिल्म में प्रभाकर का नाम ‘लियो’ है, जो लीड एक्टर के तौर पर समस्याओं को सुलझाता है। फिल्म में एक्शन भी खूब है।
प्रभाकर के पिता प्रभुनाथ शरण और मां सुभद्रा प्रसाद मोतिहारी में रहते हैं। प्रभाकर ने बताया कि आरंभिक दौर में उन्होंने काफी संघर्ष किया। इस दौरान उनकी पत्नी भी उनसे अलग हो गईं। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी।