बिहार बोर्ड से राज्य के लाखों बच्चे मैट्रिक और इंटर की परिक्षा देते हैं । लाखों बच्चों का भविष्य बिहार बोर्ड के हाथों में होता है । बिहार बोर्ड की एक गलती लाखों बच्चों का भविष्य खराब कर सकती है । हाल ही में एक खुलासा हुआ कि बिहार बोर्ड मैट्रिक परिक्षा के कॉपी के मुल्यांकन में गड़बड़ी हुई है । मामला बहुत गंभीर था और राज्य के 16 लाख छात्रों के भविष्य का सवाल था । इसलिए ‘अपना बिहार’ ने उस मामले को जोरदार तरीके से उठाया और हम लोगों के प्रयास का असर भी हुआ ।
http://www.aapnabihar.com/2017/05/wrong-answer-in-bihar-board-model-answer-sheet/
आज बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बोर्ड के तरफ से अधिकारिक घोषणा किया कि बोर्ड के तरफ से उपलब्ध कराए गये मॉडल एंसर सीट में जितने भी सवालों के उत्तर गलत है , उन सभी प्रश्नों के लिए छात्रों को पूरा अंक मिलेगा । साथ ही बोर्ड अध्यक्ष ने पूरे मामला के जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच मंडल का गठन किया है जो कि पूरे मामले का जांच करेगी और दोषी शिक्षकों पर कार्यवाई करेगी । बोर्ड अध्यक्ष ने यह भी विश्वास दिलाया कि आगे से कभी भी ऐसी गलती नहीं होगी ।
ज्ञात हो कि कॉपी जांचने के लिए शिक्षकों को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने एक मॉडल एंसर शीट दिया था। इस मॉडल एंसर शीट में सभी सवालों के सही जवाब लिखे होने चाहिए थे, जिससे कॉपी जांचने वाले शिक्षक छात्रों की कॉपियों में लिखे उत्तरों के मिलान कर सही नंबर दे सकें। लेकिन खुलासा हुआ कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के साइंस यानि फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के मॉडल एंसर शीट के 15 फीसदी उत्तर गलत हैं।
बोर्ड के इस फैसले से बोर्ड के 16 लाख छात्रों को राहत मिला है। मगर यह गंभीर चूक बोर्ड पर कई सवाल उठाता है। बिहार बोर्ड को अपनी जिम्मेदारी समझना चाहिए ।