बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा दिसम्बर 2018 तक बिहार प्रत्येक घरों में पहुंचेगी बिजली।
मुख्यमंत्री ने राज्य की बिजली कंपनियों को बिल देने की प्रक्रिया को दुरुस्त करने का निर्देश देते हुए कहा कि राज्य के उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान करना चाहते हैं।इसके लिए बिजली कंपनियों को अपनी प्रक्रिया ठीक करनी होगी, ताकि उपभोक्ता समय पर बिजली बिल का भुगतान आसानी से कर सकें।
नीतीश कुमार ने बीते गुरुवार को सीएम सचिवालय संवाद में कहा ऊर्जा विभाग के 2650.51 करोड़ की योजनाओं के शिलान्यास उद्घाटन व लोकार्पण हो। उन्होंने कहा कि बिजली बिल की शिकायतें कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती हैं। पूरी प्रक्रिया को दुरुस्त करना होगा, इससे वितरण कंपनियों की इफिसिएंसी बढ़ेगी। समय पर बिल दें, तो समय पर ही भुगतान हो सकेगा। बिजली बिल में सुधार के लिए भी पहल की गयी है। लोगों के सामने बिलिंग की जायेगी। मोबाइल के माध्यम से बिल की जानकारी दी जायेगी। स्पॉट बिलिंग की भी सुविधा दी जा रही है। सब्सिडी भी बिजली बिल में अंकित होगी। उपभोक्ता को सब्सिडी घटा कर बिल का भुगतान करना होगा। लोगों को जानकारी होगी कि बिजली की रेट क्या है और सरकार कितनी सब्सिडी दे रही है? साथ ही सरकार भी देख सकेगी कि हम उपभोक्ताओं को कितनी सब्सिडी दे रहे हैं और बिजली कंपनियों की इफिसिएंसी कितनी है?
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि लोगों को गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिले।
पावर फ्लक्च्यूवेशन नहीं होना चाहिए। जब सब कुछ डेवलप हो रहा है, तो बिजली की क्वालिटी में भी सुधार होगा, यह भी चुनौती है।बिजली की खपत और सुविधा बढ़ रही है, तो राशि भी बढ़ना ही है। उन्होंने बिजली वितरण कंपनियों को अपनी इफिसिएंसी बढ़ाने और नेचुरल लॉस से आगे किसी प्रकार का लॉस नहीं करने की भी सलाह दी है। बिजली वितरण में फ्रेंचाइजी के काम को मुख्यमंत्री ने बेकार बताया और इसके चक्कर में नहीं पड़ने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा फ्रेंचाइजी से मुक्ति पाने की है। फ्रेंचाइजी के कारण ही कई गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है।
मुख्यमंत्री ने जरूरत के हिसाब से बिजली खर्च करने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्देश दिया और कहा कि लोगों से अपील करें कि बिना वजह बिजली की खपत न करें। जरूरत के हिसाब से ही बिजली की खपत करें।आखिर में बिल का भुगतान तो उन्हें ही करना होता है।जब बल्ब जलाना हो, तभी जलाएं। कम बिजली खपतवाले बल्ब, पंखे भी आ गये हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा ही असली बिजली है। कोयला एक दिन खत्म हो जायेगा। अगर सूर्य का प्रकाश नहीं मिले, तो सब खत्म हो जायेगा। इस अक्षय ऊर्जा पर बिजली विभाग कैंपेन चलाये और लोगों को इसके लिए जागरूक करें। पर्यावरण के लिहाज से कहीं-कहीं बिजली के पोल या तार नहीं जा सकते हैं, वहां अक्षय ऊर्जा से बिजली पहुंचायी जाये। उन्होंने कहा कि परचा तैयार करा लें और जिनके यहां कनेक्शन है, उनके घरों के दरवाजे तक पहुंचा दें या चिपका दें। इसका व्यापक असर होगा। नयी पीढ़ी को इसकी जानकारी मिल जाये, तो वह बाकी को जागरूक कर देगी।
पुरे राज्य भर में 623 गांव ऐसे हैं, जहां अब तक बिजली नहीं पहुंची है। इनमें सारण समेत दियारे के 157, रोहतास-कैमूर में पहाड़ी क्षेत्र के 218 , कटिहार के 228, मुजफ्फरपुर के 24 और भागलपुर के छह गांव शामिल हैं। इस साल के अंत तक (दिसंबर, 2017) इन सभी गांवों में बिजली पहुंचा दी जायेगी और दिसंबर, 2018 तक सभी घरों में बिजली का कनेक्शन दे दिया जायेगा।