बिहार में शराबबंदी के बावजूद है बहार, पर्यटकों की संख्या 68 प्रतिशत बढ़ी।
कई लोगो का कहना था कि, बिहार में शराबबंदी के बाद राज्य में पर्यटन उद्योग को जबर्दस्त धक्का लगेगा, वे लोग असल में भ्रम में हैं।
बिहार पर्यटन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016-17 में बिहार में देसी पर्यटकों के आगमन में 68 प्रतिशत और विदेशी पर्यटकों के आगमन में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जो लोग यह प्रचारित कर रहे थे कि बिहार में शराबबंदी के बाद पर्यटन उद्योग को भारी धक्का लगेगा, उनके लिए यह करारा जवाब है। आकड़ों के मुताबिक 2015-16 में बिहार में एक करोड़ 69 लाख पर्यटक आए थे, जबकि 2016-17 में यह बढ़कर 2 करोड़ 85 लाख तक पहुंच गया है। शराबबंदी से राज्य के राजस्व पर भी ज्यादा प्रभाव नही पड़ा है. 2015-16 के मुकाबले 2016-17 में मामूली कमी आई है, वो भी शराबबंदी की वजह से नही बल्कि नोटबंदी का असर ज्यादा है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का रजिस्ट्री पर जबरदस्त असर पडा। इसके राजस्व में जबरदस्त कमी आई जिसका असर राज्य के सकल वसूली पर भी दिखा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि शराबबंदी की वजह से अन्य प्रकार कंज्यूमर गुड्स की खरीद व् बिक्री बढ़ी है, जिससे काफी हद तक शराबबंदी से हो रहे राज्य के राजस्व की भरपाई हो पाई है।
शराब की तस्करी के आऱोप में 90 हजार से अधिक लोगों को जेल भेजा गया, तब विरोधियों ने कहना शुरू किया कि शराबबंदी से बिहार सरकार को राजस्व की जबरदस्त हानि होगी, क्योंकि शराब नीति के तहत राज्य सरकार की कमाई पांच हजार करोड़ रुपये थी।
नीतीश कुमार के मुताबिक नए कर लगा कर सरकार ने इसकी भरपाई कर ली है। पर्यटकों की संख्या में भारी वृद्धि हो ही रही है। ऐसे में अन्य राज्य भी नितीश कुमार के शराबबंदी की नीति को अपना सकते है।