संजय गांधी जैविक उद्यान में बिना टेंडर के 90 लाख की मिट्टी सप्लाई के मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद तथा उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आरोप की जांच के लिए राज्य सरकार कमेटी बना सकती है। मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने संबंधित फाइल तलब कर ली है।
विदित हो कि बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद व उनके मंत्री बेटों पर अपने निर्माणाधीन मॉल की मिट्टी पटना के चिडि़याघर को अवैध तरीके से बेचने का आरोप लगाया था। इस मामले पर राजनीति गरमा गई है। लालू प्रसाद ने आरोप को निराधार बताते हुए सरकार से जांच कराने का आग्रह किया था।
इस मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने गुरुवार को कथित मिट्टी घोटाले से संबंधित फाइल तलब की है। मुख्य सचिव ने बताया कि मामले की जांच के बाद उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
आइए जानते हैं कि मोदी के आरोपों के मुताबिक क्या है पूरा मामला…
मॉल की मिट्टी बेची
आरोपों के मुताबिक राजधानी पटना में बिहार का सबसे बड़ा माल बनाया जा रहा है. इस मॉल की मालिक डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड है. इस कंपनी में आरजेडी अध्यक्ष के लालू प्रसाद के बड़े बेटे एवं राज्य के पर्यावरण एवं वन मंत्री तेजप्रताप यादव, छोटे बेटे एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और उनकी पुत्री चंदा यादव डायरेक्टर हैं. इस तरह आरोपों के मुताबिक इस मॉल का मालिक लालू प्रसाद यादव का परिवार ही है. मोदी के मुताबिक आरजेडी के सुरसंड से विधायक सैयद अबु दौजाना की कंपनी मेरिडियन कंस्ट्रक्शन (इंडिया) लिमिटेड इस शॉपिंग मॉल का निर्माण करवा रही है.
नब्बे लाख का फायदा
डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में तेज प्रताप यादव, तेजस्वी यादव और चंदा यादव को 20 जून 2014 को निदेशक बनाया गया. आरोप है कि बिहार के सबसे बड़े मॉल की मिट्टी को पर्यावरण एवं वन विभाग ने बिना टेंडर निकाले 90 लाख रुपए में खरीद लिया. इस तरह मोदी के मुताबिक मिट्टी घोटाले का पूरा फायदा आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार को मिला.
लालू का भी है रोल!
बीजेपी नेता मोदी के मुताबिक यह वही कंपनी है जिसको लेकर बिहार के वर्तमान जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने वर्ष 2008 में आरोप लगाया था कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के रांची और पुरी के दो होटलों को गलत तरीके से होटल सुजाता के हर्ष कोचर को बेच दिया. इसके बदले में कोचर ने डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को एक ही दिन में दस निबंधन के जरिए पटना में दो एकड़ जमीन हस्तांतरित की थी. यानी इस पूरे मामले में तार कहीं न कहीं लालू प्रसाद यादव से भी जुड़ जाते हैं.
बिना टेंडर के हुई खरीद मॉल के बेसमेंट की मिट्टी को खपाने के लिए काफी चतुराई से पर्यावरण एवं वन विभाग ने पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान के सौंदर्यीकरण के नाम पर बिना टेंडर निकाले केवल कोटेशन के आधार पर 90 लाख रुपये में मिट्टी खरीद ली और यह काम रूपसपुर के वीरेंद्र यादव की कंपनी एमएस इंटरप्राइजेज से करवाया गया.
घर का ही मंत्री और अपना ही विभाग
जू में मिट्टी की इतनी जरुरत नहीं थी, लेकिन शॉपिंग मॉल के मिट्टी को ठिकाना लगाना था इसलिये 90 लाख का टेंडर दिया गया. इस मॉल की मिट्टी को बिकवाने के लिए सौंदर्यीकरण के नाम पर अनावश्यक रूप से 90 लाख रुपए की मिट्टी खरीदने का अनुमान पगडंडी बनाने के नाम पर किया गया. इस प्रकार लालू प्रसाद का परिवार अपने मॉल की मिट्टी को अपने ही विभाग में बेच कर 90 लाख की कमाई कर चुका है. यह उद्यान पर्यावरण एवं वन विभाग के अंतर्गत आता है और इस विभाग के मंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव हैं.