बिहार में इन दिनों शराबबंदी के फायदे गिना रही सरकार समाज सुधार का एक और बड़ा अभियान शुरू करने जा रही। महिलाओं के दुख-पीड़ा को देखते हुए दहेजबंदी के लिए अभियान चलेगा। बाल-विवाह के खिलाफ भी लड़ाई तेज होगी।
9 जुलाई 2015 वो तारीख है, जब पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में स्वास्थ्य, पोषण और स्वच्छता पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीविका, आशा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद अपनी कुर्सी पर बैठकर पानी पी ही रहे थे कि हॉल के एक कोने से धीमी-सी आवाज उठी। राज्य में शराबबंदी करा दीजिए। मुख्यमंत्री ने कैबिनेट के सहयोगी श्रवण कुमार से कुछ पूछा और फिर डायस पर जाकर बोले- इस बार वापस सत्ता में आए तो राज्य में शराबबंदी लागू करेंगे और 16 वीं विधानसभा के चुनाव में जीत के बाद जीविका दीदी और आशा कार्यकर्ताओं से भरी सभा में किया वादा उन्हें याद रहा और उन्होंने इसे पूरा किया।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समाज कल्याण विभाग के कामकाज की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरुद्ध बड़े जागरूकता अभियान की योजना बनाएं।
फिर महिलाओं ने उठाई थी मांग : पिछले सोमवार को महिलाओं के लिए विशेष रूप से आयोजित लोक संवाद कार्यक्रम में एक युवती ने मुख्यमंत्री को यह परामर्श दिया था कि वह शराबबंदी की तरह ही दहेजबंदी का अभियान चलाएं। एक युवती ने तो यहां तक कहा था कि ऐसा कानून बनना चाहिए कि जब तक लड़की की पढ़ाई पूरी न हो जाए तब तक उनकी शादी नहीं हो।
दहेज, बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाने के निर्देश : मुख्यमंत्री ने कहा कि यह महत्वपूर्ण बात है कि लड़कियां अब दहेजबंदी को लेकर मुखर हैं। यह महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दा है। इस कैंपेन में समाज कल्याण विभाग स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास विभाग को साथ लें।
नारी शक्ति योजना की भी होगी समीक्षा : मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना के सभी अवयवों की समीक्षा करें। यह बात सामने आनी चाहिए कि इन योजनाओं से कितने लोगों को लाभ हुआ है। उन्होंने कन्या सुरक्षा योजना की समीक्षा की भी बात कही। महिला सशक्तीकरण नीति के संबंध में एक बैठक बुलाएं ताकि आगे का एक्शन प्लान बनाया जा सके।कई
महत्वपूर्ण योजनाओं पर बैठक में हुई चर्चा : बाल विवाह प्रतिरोध अधिनियम 2006, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, फूड सेफ्टी एंड न्यूटिएंट, आंगनबाड़ी संचालन, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, मुख्यमंत्री भिक्षावृत्ति निवारण योजना, शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना, पुनर्वास गृह, बसेरा, वृद्धा आश्रम निर्माण व नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना।