साइबर क्राइम दिन प्रति दिन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। ऐसा माना जा सकता है कि ये क्राइम ब्रांच के लिए भी सबसे बड़ी समस्या है। किसी और क्राइम की एक निर्धारित जगह होती है, कोई सबूत होता है मगर साइबर क्राइम बिलकुल अदृश्य होती है और इस वजह से ये निश्चित ही हर सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देती है।
एक ओर जहाँ इंटरनेट के विस्तार से सुविधाएँ सुलभ हुई हैं, अपनों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ी है और जानकारियों का आदान-प्रदान आसान हुआ है, वहीं दूसरी ओर यह किसी व्यक्ति विशेष की सुरक्षा में बड़ा सुराख़ भी बना देता है।
इंटरनेट की मदद से बहुत आसानी से हम अपनों के बीच अपनी खुशी शेयर कर पाते हैं। हमारे घर का कोई छोटा सदस्य नया-नया स्कूल जाता है और हम ये जानकारी अपनी खुशी जानकर साझा करना चाहते हैं। तमाम सोशल साइट्स पर स्कूल की जानकारी के साथ बच्चे की तस्वीर और टाइमिंग तक शेयर कर देते हैं। हालाँकि ये हमारे लिए आम बात है, मगर असामाजिक तत्वों के लिए ये एक हिंट देने जैसा ही है। हम नहीं जानते किसे, कब और कैसे हम अपने लिए खतरा बना रहे हैं, और साइबर युग ने इस तरह के खतरे का शिकार होना बेहद आसान कर दिया है।
ऐसी ही बातों से युवा पीढ़ी को सजग करने की कोशिश कर रहे थे निशांत तिवारी। यह वह समस्या है जिसका अब तक हल नहीं निकाला जा सका है। प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर खुद फेसबुक के फाउंडर तक इस तरह की एक्टिविटी का शिकार हो चुके हैं। इतनी बड़ी समस्या के बावजूद इसपर बातें बहुत कम ही होती हैं। आपन बिहार से बात करते हुए पूर्णिया एसपी निशांत तिवारी ने इस पर गहन चर्चा की और कई ऐसी बातें भी कहीं जिनका आमजन, जो भी इंटरनेट या मोबाइल इस्तेमाल कर रहे हैं, तक पहुँचना बहुत जरूरी है।
हम कड़ियों में कहानी पढ़ रहे हैं एक ऐसे आईपीएस अधिकारी की जो अंतर्राष्ट्रीय कम्पनी में चार साल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर उपलब्धियों से भरा काम कर चुका था। बताते चलें, अमेरिका में इंजीनियर के तौर पर चार वर्षीय कार्यकाल के दौरान इनके कार्यकुशलता के लिए कंपनी ने अवार्ड्स से भी नवाजा था।
साइबर क्राइम को लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर और आईपीएस अधिकारी निशांत तिवारी जी ने आपन बिहार से क्या चर्चा की और इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर क्या सलाह दी, आइये जानते हैं इस वीडियो में, खुद निशांत तिवारी जी की जुबानी-