चंपारण सत्याग्रह के सौ साल बाद पूर्वी चंपारण ने फ़िर अपना इतिहास नये सिरे से आज लिख डाला। 1917 के अप्रैल में गोरों की अत्याचारी हुकूमत के खिलाफ़ शुरू सत्याग्रह और उसकी कामयाबी के बाद नये भारत के लिये आज शुरू की गई पदयात्रा का इतिहास। अन्तर सिर्फ़ यह है कि उस समय सत्याग्रह की शुरुआत गान्धी ने की थी, आज की पदयात्रा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं।
18 अप्रैल का दिन ऐतिहासिक है। सौ साल पहले इसी दिन महात्मा गांधी के सत्याग्रह के समक्ष अंग्रेजी हुकूमत ने घुटने टेके थे। इस दिन को यादगार बनाने के लिए कई आयोजन किए गए हैं। इसमें सीएम नीतीश ने आज गांधी स्मृति पदयात्रा में चंद्रहिया से मोतिहारी तक 8 किलोमीटर की पदयात्रा की।
महात्मा गांधी आदेश के उल्लंघन के आरोप में एसडीओ कोर्ट में पेश हुए थे। वहां उनके बयान से अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिल गई थी। सौ साल बाद उस दिन को ऐतिहासिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मोतिहारी पहुंचे और उन्होंने चंद्रहिया से मोतिहारी तक की पदयात्रा की। उनके साथ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, शिक्षामंत्री अशोक चौधरी भी पदयात्रा में शामिल हुए।
पूर्वी चंपारण के मुख्यालय से 8.9 किमी दूर चन्द्रहिया से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चंपारण सत्याग्रह शताब्दी स्मृति समारोह के मौके पर स्मृति यात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा लगभग अपने समय 7.45 बजे के बदले 7.50 शुरू हुई। इसके पहले उन्होंने सर्व धर्म सभा में शिरकत की। उसके बाद गान्धी के स्मारक पर पुष्प अर्पित किये, परिसर में चम्पा का पौधा लगाया। वही पर उस शिलापट का अनावरण किया, जिस पर चन्द्रहिया का महत्व एक बोर्ड पर हिन्दी में उकेरा हुआ है।
कडी सुरक्षा के घेरे में एन एच -57 हजारों लोगों के साथ सी एम ने यह यात्रा डेढ घंटे से कुछ अधिक समय में पूरा किया। लगभग नौ किमी की दूरी कैसे पूरी हुई किसी को पता नहीं चला। पूरा रास्ता होर्डिन्ग और झण्डा बैनरों से पटा हुआ है। हर छोटी दूरी पर लोगों ने पानी का इन्तज़ाम किया हुआ था। चन्द्रहिया को दुल्हन की तरह सजाया गया है। पदयात्रा में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी, प्रभारी मंत्री मदन मोहन झा समेत कई विधायक और पूर्व विधायक मौजूद रहे।
बापू की पेशी का होगा नाट्य रूपांतरण
इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए गांधी मैदान में सभा स्थल पर महात्मा गांधी की पेशी का नाट्य रूपांतरण प्रस्तुत किया जाएगा। सौ साल पहले एसडीओ कोर्ट में पेशी व महात्मा गांधी द्वारा दिए गए बयान की यादें इस कार्यक्रम के माध्यम से ताजा होंगी। मुख्यमंत्री भी सत्याग्रह शताब्दी का संदेश जिलेवासियों को देंगे। साथ ही लेजर शो के माध्यम से सत्याग्रह की जीवंत प्रस्तुति की जाएगी।