नीतीश कुमार का आह्वान- दहेज लेने और देने वालों के घर शादियों में न जाएं।
बीते शुक्रवार को डॉ. भीमराव अांबेडकर की 126वीं जयंती समारोह में सीएम ने दहेज और बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ शराबबंदी की तर्ज पर ही सामाजिक अभियान चलाने का ऐलान किया। और मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता से दहेज लेने वालों का बहिष्कार करने का आह्वान किया है।
दहेज प्रथा को अभिशाप बताते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि वे किसी भी शादी में जाने से पहले इस बात की तस्दीक कर ले कि कहीं उस शादी में दहेज़ का लेन देन तो नहीं हुआ है और अगर हुआ है, तो वे ऐसी शादियों में ना जाए। नीतीश ने कहा कि ऐसा करने से समाज को सुधारने में प्रभावशाली ढंग से मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बाल विवाह पर भी चिंता जताते हुए कहा कि बाल विवाह की समस्या सीधे कुपोषण से जुड़ी है और उनकी सरकार आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर जोर देगी। नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार से बहुत जल्द बाल विवाह और दहेज प्रथा को लेकर एक व्यापक अभियान चलाएगी और लोगों को समाज की इन दोनों बुराइयों से सचेत कराया जाएगा।
अांबेडकर ने शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो का नारा दिया।
जब तक लोग शिक्षित नहीं बनेंगे, अपने हक के प्रति जागरूक नहीं होंगे। जब तक संगठित नहीं होंगे, आवाज बुलंद नहीं कर पाएंगे और जब तक संघर्ष नहीं करेंगे, लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाएंगे। छुआछूत के कारण वंचित समाज के लोग क्षमता रखते हुए भी पीछे रह गए। अगर सब लोगों को समान अवसर मिले तो समाज का विकास होगा। कुछ लोगों को भ्रम होता है कि वही सब जानते हैं, वही काबिल और विद्वान हैं। ज्ञान और काबिलियत तो किसी के भी अंदर हो सकती है। हर इंसान में भगवान का वास है। बाबा साहेब ने इसे प्रमाणित किया। जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम रजक ने कहा कि केंद्र सरकार दलितों को आवंटित धन में लगातार कटौती करती जा रही है।