लोकआस्था का महापर्व चैती छठ शनिवार को खरना पूजन के साथ संपन्न हो गया। संध्या में व्रतियों ने पूरे स्वच्छता व नियम निष्ठा के साथ उपवास रख कर खरना पूजन किया। व्रती द्वारा अरवा चावल, गुड़, दूध से बना खीर का भोग लगाया गया। खरना के पश्चात श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया। खरना के साथ ही 36 घंटे के निर्जला व्रत शुरू हो गया।
व्रती रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे। सोमवार सुबह उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व संपन्न हो जाएगा। आज शाम व्रती तालाब, पोखर व नदी में अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्ध्य देगी।
वही बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने राज्यवासियों को चैती छठ की शुभकामना दी। उन्होंने कहा सूर्य की आराधना से जुड़ा चैती छठ पर्व राज्यवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और उल्लास लाएं। सूर्य देवता से प्रार्थना है कि राज्य के लोगों को समृद्धि दें। इस व्रत से हमें आत्मसंयम, पवित्रता और भक्ति की प्रेरणा मिलती है।