जाने कैसा है साइंस एक्सप्रेस? क्या खास है साइंस एक्सप्रेस में?

साइंस एक्सप्रेस एक ऐसा परिवेश है जहाँ आपको मिल जाता है मिनटों में ढेर सारा ज्ञान।

गया जंक्शन पर खड़ी साइंस एक्सप्रेस

यह एक्सप्रेस सिर्फ छात्र और छात्राओं के लिए ही नहीं है, बल्कि यहाँ नौजवान और बुजुर्गों को भी घूमना चाहिए।
यहाँ आपको मिलेगी ढेर सारी एकत्रित जानकारी।

वातावरण के साथ हम क्या सही कर रहे हैं, क्या गलत कर रहे हैं, हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी है यहाँ। एक्सप्रेस में बच्चों को पता चलता है गाँव-देहात, किसान और पुराने ज़माने के लोगों के बारे में कि कैसी होती है इनकी जिंदगी।


जानकारी मिलती है विलुप्त जानवरों के बारे में, जैसे डायनासोर कैसे विलुप्त हो गये या और जानवरों पर कैसे खतरा मंडरा रहा है?


एक्सप्रेस में सबसे ज्यादा वातावरण और जलवायु पर चर्चा की गई है। पुराने ज़माने और नए जमाने में किस प्रकर बदलाव आये हैं और इससे हमें कितना फायदा और कितना नुकसान है, कहीं आने-जाने के लिए किस प्रकार के वाहन का प्रयोग करें। अलग-अलग प्रकार के जानवरों के बारे में भी बताया गया है।


पुरे ट्रेन को कुल 13 कोच में बांटा गया है और हरेक कोच में लोगों को कोई दिक्कत हो तो समझाने के लिए साइंस एक्सप्रेस की ओर से गाइड्स हैं। वहीं बच्चों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए स्पेशल 2 कोचों की व्यवस्था है, जिसमें केवल बच्चों को ही प्रवेश दी जाती है।
सारे कोच इस प्रकार व्यवस्थित किए गए हैं- कोच-01 में जलवायु को समझें, कोच-02 में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, कोच-03 में जलवायु परिवर्तन में अनुकूलन, कोच-04 में भी जलवायु परिवर्तन में अनुकूलन, कोच-05 में अल्पीकरण-पृथ्वी के संतुलन को बनाए रखे, कोच-06 में अल्पीकरण हेतु भारत के प्रयास, कोच-07 में अंतरराष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन समझौता वार्ता, कोच-08 में जलवायु परिवर्तन सकारात्मक प्रयास, कोच-09 में जैव प्रौद्योगिकी द्वारा जैव संसाधन और प्राकृतिक संरक्षण, कोच-10 में जैव प्रौद्योगिकी के प्रयोग द्वारा नवप्रगति, कोच-11 में नवप्रवर्तन विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी से संबंधित सूचनाएं प्रदर्शित की गई हैं। कोच-12 में कक्षा 3-5 के छात्रों के लिए किड्स, कोच- 13 में जॉय ऑफ साइंस प्रयोगशाला को प्रदर्शित किया गया है।

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