प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में विधानसभा चुनाव के दौरान आरा के रैली में जनसमूह से कहा था कि बिहार को विशेष पैकेज के लिए 70 हजार, 80 हजार, 90 हजार करोड़ दूं या ज्यादा दूं? चलो सवा लाख करोड़ देता हूं। उनकी इस घोषणा के तरीके पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि लगता है जैसे प्रधानमंत्री बिहार की बोली लगा रहे हों।
18 महीने बाद आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, इस मद में अभी तक एक भी पैसा जारी नहीं किया गया है। बिहार का बंटवारा कर झारखंड राज्य बन जाने के बाद सभी खनिज भंडार और उद्योग बिहार से बाहर चले गए हैं, इसलिए यह राज्य केंद्र सरकार से विशेष राज्य का दर्जा देने और नुकसान की भरपाई के लिए विशेष पैकेज की मांग करता रहा है।
मुंबई के सक्रिय आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से दिसंबर 2016 में मोदी द्वारा विभिन्न राज्यों को भारी सहायता राशि या विकास पैकेज के रूप में दिए गए आश्वासन के संबंध में जानकारी मांगी थी। उन्होंने वित्तीय पैकेजों के संबंध में उठाए गए कदम की जानकारी भी मांगी।
उनके इस सवाल का जवाब वित्त मंत्रालय में डिप्टी डायरेक्टर आनंद परमार ने देते हुए बताया कि अभी तक एक भी रुपया किसी को नही दिया गया है पर जल्द ही पीएम द्वारा किए गए घोषणा को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
आरटीआई कार्यकर्ता गलगली ने का कहना है कि, “यह शर्मनाक है कि बिहार को यह आश्वासन किसी और ने नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री ने दिया था। लेकिन, डेढ़ साल गुजरने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।”