16 साल बाद बिहार क्रिकेट को बीसीसीआई की मान्यता मिलने के बाद बिहार में क्रिकेट के अच्छे दिन आते दिख रहें है । करोड़ों के लागत से राजगीर में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम तो बन ही रहा है साथ ही पहले से ही राजधानी पटना में स्थित मोइनुल हक स्टेडियम को अंतराष्ट्रीय स्तर का स्टेडियम बनाने की कवायद शुरु हो गई है ।
राजधानी का मोइनुल हक स्टेडियम के मौजूदा ढांचा को तोड़ा जायेगा और इसकी जगह एक नया अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाया जायेगा। इसकी घोषणा बिहार विधानसभा में कला, संस्कृति व युवा मंत्री शिवचंद्र राम ने की. विधानसभा में कला, संस्कृति व युवा विभाग, पंचायती राज विभाग और खान व भूतत्व विभाग के बजट पर वाद विवाद के बाद वे सरकार की ओर से जवाब दे रहे थे।
मंत्री शिवचंद्र राम ने कहा कि मोइनुल हक स्टेडियम फिलहाल खाली नहीं रहता है. यहां कई तरह के टूर्नामेंट होते रहते हैं। मोइनुल हक स्टेडियम को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए इसे तोड़ कर फिर से निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए तकनीकी रूप से मंजूरी ले ली गयी है. इसके लिए नक्शा और खर्च होनेवाली राशि को विभाग स्तर पर अनुमोदन कर भवन निर्माण को भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि बिहार क्रिकेट का 16 साल का जो बनवास था उसे सरकार ने खत्म कराने का काम किया है।बिहार क्रिकेट संघ को मान्यता मिल गयी है। अब बिहार का बेटा-बेटी क्रिकेट खेलने झारखंड, यूपी या राजस्थान नहीं जायेगा। उसे बिहार में ही पूरा मौका मिलेगा। आगेवाले समय में बिहार में ही रणजी ट्रॉफी के मैच और आइपीएल के मैचों का भी आयोजन किया जायेगा। इसके अलावे मुख्यमंत्री खेल विकास योजना के तहत राज्य में 248 प्रखंडों में स्टेडियम के निर्माण की स्वीकृति भी प्रदान की गयी है। इसमें 104 स्टेडियम के निर्माण को पूरा कर लिया गया है, जबकि बाकी का काम चल रहा है।