भोजपुरी भाषा को संवैधानिक मान्यता के लिए फिर गूंजा संसद, सभी ने किया जोरदार समर्थन

भोजपुरी भाषा देश और दुनिया में 25 करोड़ से भी ज्यादा लोगों की आवाज़ है। भोजपुरी न सिर्फ बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों की प्रमुख भाषा है बल्कि दुनिया के कई देशों में भोजपुरी बोली जाती है । इसमें कोई दो राय नहीं की दिन पर दिन इस भाषा की लोकप्रियता बढ़ रही है मगर यह भोजपुरी भाषा का दुर्भाग्य कहिये या देश के नीति निर्माताओं की उदासीनता कि आज तक भोजपुरी भाषा को अपने देश में ही संवैधानिक मान्यता नहीं मिल पाया है।

 

देश की संसद में एक बार फिर यह मुद्दा उठा । जदयू ने गुरुवार को एक बार फिर से भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठा दी। बिहार कैबिनेट की ओर से केन्द्र सरकार से की गई सिफारिश के बाद जनतादल यूनाइटेड ने इस मामले को राज्यसभा में उठाते हुए भोजपुरी भाषा को मान्यता देने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा। भोजपुरी भाषा की मिठास से सदन को रुबरू कराने की उपसभापति पीजे कुरियन की बात पर जदयू सांसद अली अनवर ने अपनी बातों की कुछ पंक्तियां भोजपुरी में भी रखीं।

 

अली अनवर ने कहा कि बीते सालों में पूर्व और मौजूदा सरकारों ने चार मौकों पर संसद में भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर इस भाषा को मान्यता देने का आश्वासन दिया। मगर इस दिशा में सरकार ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाना निराशाजनक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीते लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के दौरान भोजपुरी के कुछ शब्दों के बोलने की ओर इशारा करते हुए अनवर ने कहा कि चुनाव में वोट के लिए भी भोजपुरी भाषियों को लुभाया गया। इसलिए सरकार को त्वरित कदम उठाते हुए चुनाव के दौरान दिए भरोसे को पूरा करना चाहिए।

 

भोजपुरी भाषा की पहुंच को लेकर अनवर ने कहा कि उत्तरप्रदेश और बिहार की बड़ी जनसंख्या ही नहीं विदेशो में भी इसके बोलने वालों की संख्या बहुतायत है। मारीशस, सूरीनाम, फिजी, त्रिनिदाद आदि देशों में भी भोजपुरी बोलने वाले भारतीय मूल के लोग हैं। अनवर ने कहा कि वास्तव में बच्चों को प्राथमिक शिक्षा उनकी मातृभाषा में ही देनी चाहिए। भोजपुरी के प्रति महापंडि़त राहुल सांस्कृतायन की सकारात्मक टिप्पणियों के साथ स्वाधीनता आंदोलन के बलिदानी बाबू वीरकुंअर सिंह के जुड़ावका भी उन्होंने जिक्र किया। भोजपुरी को आठवीं अनसूची में शामिल करने की इस मांग का विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के भी कई सांसदों ने जोरदार समर्थन किया।

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