विभिन्न क्षेत्रों में जब भी कभी शीर्ष पर कायम लोगों की बात होती है, उनकी पारिवारिक पहचान की बात जरूर होती है, खास कर तब जब वो किसी ‘पिछड़े’ प्रदेश से आते हों और अपनी मेहनत और कार्यक्षमता के बलबूते कैरियर की ऊँचाइयाँ छूते हैं| हमेशा से ऐसा माना जाता रहा है कि बिहार की बौद्धिक क्षमता तो शिखर पर है परन्तु उसकी प्रस्तुति में कहीं न कहीं रुकावट आती रहती है| इन बातों को दरकिनार करते हुए हम बताते चलें कि हालिया इलेक्ट्रोनिक मीडिया में शीर्ष पर काबिज़ तीन मशहूर एंकर बिहार से हैं, जिनकी प्रस्तुति देश-विदेश में प्रचलित है, जिनके कार्य करने का तरीका बेहद अलग परन्तु दिलो-दिमाग पर छा जाने वाला है| जी हाँ, हम बात कर रहे हैं देश के टीवी चैनलों के प्रमुख एंकर्स रविश कुमार, अंजना ओम कश्यप एवं श्वेता सिन्हा की| ये वो हीरो हैं जिन्होंने बिहार की पहचान इलेक्ट्रोनिक मीडिया के क्षेत्र में बनाई और उसे कायम भी रखा|
रविश कुमार– अपने ब्लॉगपोस्ट्स को लेकर अक्सर सुर्ख़ियों में रहने वाले टीवी पत्रकार रविश कुमार (पाण्डेय) NDTV के प्रमुख न्यूज़ एंकर हैं| बेबाक टिप्पणियों के लिए रविश चर्चा में रहते हैं| इन्होंने पटना से स्कूलिंग के पश्चात् देशबंधु कॉलेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से उच्च शिक्षा ग्रहण की| 2014 लोकसभा चुनाव में हिंदी भाषी क्षेत्रों से स्पेशल रिपोर्टिंग इनकी पहचान में चार चाँद लगाता है| साथ ही साहित्य के प्रति रुचि इन्हें किताब लिखने और एक नई विधा का इजाद करने तक ले गई| जी हाँ! 5 दिसम्बर 1975 को मोतिहारी में जन्में रविश ने अपनी पुस्तक ‘इश्क में शहर होना’ से हिंदी साहित्य में लप्रेक(लघु प्रेम कथा) का इजाद किया है, जो बेस्ट सेलर रही है| सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर ब्लॉग्स और छोटी कहानियों के लिए इनकी अच्छी फेन फोलोविंग भी है| गौरतलब हो कि रविश 2013 में बेस्ट जर्नलिस्ट(ब्रॉडकास्ट) का खिताब भी अपने नाम कर चुके हैं| NDTV पर इनके प्राइम टाइम, रविश की रिपोर्ट और क़स्बा जैसे शोज खासा लोकप्रिय रहे हैं|
अंजना ओम कश्यप- दूरदर्शन का क्राइम न्यूज़ शो ‘आँखों देखी’ तो याद ही होगा| ‘आज तक’ की मशहूर एंकर और जर्नलिस्ट अंजना ओम कश्यप ने जर्नलिज्म में अपनी शुरुआत दूरदर्शन के इसी क्राइम न्यूज़ शो से ई० 2003 में की थी| राँची में पली-बढ़ी और दिल्ली से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली अंजना सामाजिक मंच पर बड़े गर्व से कहती हैं कि उनके अन्दर कहीं बिहार जिन्दा है| आरा के पिता और बिहारशरीफ की माता की संतान अंजना की किसी मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देने की प्रबल चेष्टा और सामाजिक बुराइयों के लिए दिल में जल रही आग ने जर्नलिज्म की तरफ मोड़ा| एक सवाल के जवाब में वो कहती हैं कि “जब आपका परिवेश कमजोर होता है तो आप सबसे अधिक शक्तिशाली होते हैं”| शायद यही वजह है कि अखंडित बिहार से निकल अंजना ने जर्नलिज्म में एक खास पहचान बनाई| इनका डिबेट शो ‘हल्ला बोल’ खासी सुर्खियाँ बटोरता है| इससे पहले भी ‘दो टूक’ और ‘बड़ी बहस’ जैसे डिबेट शोज वो कर चुकी हैं जिनमें बेहिचक सवाल रखने की कला और प्रस्तुति की सराहना होती रही है| 12 जून 1975 को जन्मीं और दौलत राम कॉलेज व जामिया मिलिया इस्लामिया की विद्यार्थी रहीं अंजना लगभग सभी प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल्स का हिस्सा रह चुकी हैं|
श्वेता सिंह- पटना में पली-बढ़ी एवं 1998 तक पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ी श्वेता सिंह को खेल समाचार प्रस्तुत करने में महारत हासिल है| 2005 में इनका ‘सौरव का सिक्सर’ शो बेस्ट स्पोर्ट्स प्रोग्राम चुना गया| 2002 में ‘आजतक’ से जुड़ने से पहले ये ‘जी न्यूज़’ और ‘सहारा नेटवर्क’ का भी हिस्सा रह चुकी थीं| 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पटना में किया गया इनका शो काफी चर्चा में रहा| 2015 में ही बेस्ट एंकर का खिताब जीत चुकी श्वेता सिंह बिजनेस प्रोग्राम के लिए भी जाना-पहचाना नाम हैं| इसके अलावा श्वेता लिखना भी पसंद करती हैं, जैसा कि उनके ऑफिसियल वेबसाइट पर देखा जा सकता है| ये अपने शोज ‘हर-हर गंगे’ और ‘वन्देमातरम’ के लिए भी जानी जाती हैं|