वहीं उत्पादकता भी 2244 किलो प्रति हेक्टेयर से बढ़कर 2255 किलो प्रति हेक्टेयर तक पहुंच जायेगा। मौसम की मेहरबानी से अधिक उपज की संभावना के बारे में कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि तीसरे और चौथे अनुमान तक यह उपज कम से कम 65 लाख टन तक पहुंच जाने की संभावना जताई है।
वही बिहार 2016 में पांच साल पहले हुई धान की उपज का रिकॉर्ड तोड़ दिया। कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस साल गेहूं के उत्पादन का लक्ष्य 61 लाख टन तय किया था जो बिहार के किसानों के लिए बङी ख़बर हैं। कृषि रोड मैप में इस साल के लिए लक्ष्य 65 लाख टन तय है।
कृषि वैज्ञानिक अनिल कुमार झा ने बताया कि पांच साल बाद राज्य में गेहूं के उपज के मुताबिक तापमान बना रहा। समय पूर्व तापमान में वृद्धि से गेहूं की उपज पर बुरा असर पड़ता है। झा ने कहा कि धान की खेती के लिए भी 2012-13 के बाद इस 2016 में आवश्यकतानुसार समय-समय पर बारिश हुई। धान की तैयारी के समय पर मौसम का सहयोग मिला।इसी आधार पर अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि मार्च में भी मौसम ठीक रहा तो गेहूं की रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन का लाभ किसानों को मिलेगा। वहीं दूसरी ओर सहकारिता विभाग भी किसानों से गेहूं खरीद की तैयारी शुरू कर दी है। विभाग में गेहूं के साथ मक्का की खरीद पर भी विचार शुरू हो गया है।