नीतीश कुमार सरकार ने पश्चिम बंगाल स्थित फरक्का बैराज को बिहार में आने वाली भारी बाढ़ के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्र से कहा है कि वह गंगा नदी में जमे गाद को निकालने के लिए इस बैराज का संचालन रोके।
राज्य ने यह सिफारिश करते हुए कहा है कि यह बांध भारी बाढ़ की वजह बना है और यह नदी में खतरनाक स्तर तक बढ़ी गाद के लिए जिम्मेदार है।
सूत्रों ने पीटीआई को बताया कि नीतीश सरकार ने यह मांग पिछले साल की भारी बाढ़ के बाद गंगा से गाद निकालने के दिशानिर्देशों पर काम करने के लिए केंद्र द्वारा गठित समिति के विशेषग्यों के समक्ष रखी है।
फरक्का बैराज का निर्माण 60 के दशक की शुरूआत में हुआ था, जिसका मुख्य उद्देश्य कोलकाता पत्तन से जमने वाली तलछट को निकालने में मदद करने और पश्चिम बंगाल में पेयजल की जरूरत को पूरा करने का था।
सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार ने समिति से कहा है, यह बैराज भारी बाढ़ का जनक है और पटना एवं भागलपुर :बिहार: के बीच गंगा में गाद बढ़ने के लिए जिम्मेदार है।
राज्य सरकार ने पैनल से सिफारिश की है कि वह इस समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय गाद नीति लेकर आए।
राज्य का कहना है कि बैराज का संचालन रोक देने नदी से गाद निकाल देने में मदद मिलेगी।
बिहार में पिछले साल अगस्त में गंगा का जलस्तर बढ़ जाने पर भारी बाढ़ आई थी और इसके चलते 20 लोग मारे गए थे और 20 लाख लोग प्रभावित हुए थे।
सिर्फ बिहार को ही नहीं पश्चिम बंगाल को भी फरक्का बराज से परेशानी है। वर्ष ख्00ब् में ही पश्चिम बंगाल की क्फ्वीं विधानसभा कमेटी ने अपनी सातवीं रिपोर्ट में यह कहा था कि फरक्का बराज ही मालदा जिले में गंगा के कटाव के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। अपस्ट्रीम में गाद हर वर्ष जमा हो रहा।