बिहार बजट : शिक्षा पर होगा सबसे ज्यादा खर्च, हर जिले में खुलेंगे इंजीनियरिंग कॉलेज

बजट में रकम हासिल करने में इस बार शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी सबसे आगे रहे। कुल 14437 करोड़ रुपए इनके विभाग को मिले. निल बटे सन्नाटा रहे खान एवं भूतत्व मंत्री मुनेश्वर चौधरी. इनके विभाग के लिए बजट में शून्य प्रावधान किया गया है.खास यह भी रहा कि इस बार मुख्यमंत्री के हिस्से वाले विभागों का बजट कम हो गया है.762 करोड़ पिछले साल मिला था. इस बजट में 731 करोड़ ही मिले.

 

बजट में पैसा,स्वीकृत स्कीमों को ही दिया गया है. सात निश्चय से जुड़े महकमों की राशि बढ़ी है. तो 14 विभागों को कमोबेश उतने ही पैसे दिये गये जितना उन्हें 2016-17 में मिला था. स्कीमों के लिए 80891.61 करोड़ रुपए में से 77.42%राशि 10 प्रमुख विभागों को मिली है शेष 22.57%में ही बाकी विभाग सिमटे हैं. फोकस सामाजिक सेवा के क्षेत्र में आने वाले शिक्षा,पेजजल आपूर्ति एवं स्वच्छता,समाज कल्याण जैसे विभागों पर इस बार भी कायम है. आर्थिक सेवा क्षेत्र से जुड़े विभाग मसलन कृषि पर व्यय कमोबेश जस का तस है.
बिहार सरकार की ओर से प्रस्तुत किये गये बजट में शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है. 2017-18 के लिए शिक्षा विभाग के लिए सरकार ने ‍25,251.39 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले साल की तुलना में 3354 करोड़ रुपये अधिक है. शिक्षा विभाग का पैसा डेढ़ गुना बढ़ा है. राज्य सरकार  तीन नये विश्वविद्यालय भी इस साल खोलने जा रही है. साथ ही मुख्यमंत्री  निश्चय योजना के तहत दो सालों में सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. बजट में पथ निर्माण विभाग पर भी खास जोर दिया गया है.

 

राज्य सरकार सड़कों और पुलों के निर्माण पर 6635़ करोड़ रुपये खर्च करेगी. वहीं कृषि विभाग में पिछले बजट की तुलना में 73.39 करोड़ रुपये की कटौती की गयी है.  बाल विकास परियोजना, आंगनबाड़ी केंद्र और कन्या विवाह योजना पर सरकार ने ज्यादा खर्च करने की योजना बनायी है. विवाह करनेवाले नि:शक्तों को 50 -50 हजार रुपये का अनुदान देने का भी प्रावधान किया गया है. 

 

3,354 करोड़ रुपये ज्यादा का किया गया आवंटन

 

बिहार सरकार ने बजट में सबसे ज्यादा राशि का प्रावधान शिक्षा विभाग में किया गया है. वित्तीय वर्ष 2017-18 में शिक्षा विभाग के लिए सरकार ने ‍25,251.39 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह बजट पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 3,354.37 करोड़ रुपये ज्यादा है. 

वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में शिक्षा के लिए 21,897.37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था. अगले वित्तीय वर्ष में भी शिक्षा विभाग ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ करीब छह लाख छात्र-छात्राओं को बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा है. नियोजित शिक्षकों के लिए नयी सेवा शर्तों का निर्धारण किया जायेगा. इसके अलावा झोंपड़ी और खुले आसमान में चलनेवाले स्कूलों को शिक्षकों और छात्रों समेत भवनवाले स्कूलों में शिफ्ट किया जायेगा. 

 

खुलेंगे तीन नये विश्वविद्यालय : बिहार सरकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य में तीन नये विश्वविद्यालय खोलने जा रही है. पूर्णिया विश्वविद्यालय, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और मुंगेर विश्वविद्यालय खोलने के लिए राज्य कैबिनेट ने अनुमति दे दी है. बीएन मंडल से अलग होकर पूर्णिया विवि, मगध विवि से अलग होकर पाटलिपुत्र विवि और तिलका मांझी विवि से अलग होकर मुंगेर विवि की स्थापना की जा रही है. वहीं, राज्य में प्राइवेट यूनिवर्सिटी खोलने के लिए 11 प्रस्ताव आये हैं. इसमें से सात संस्थानों को एलओआइ निर्गत किया जा चुका है. 

स्कूलों में बढ़ी लड़कियों की संख्या : राज्य के सरकारी स्कूलों में छात्राओं की संख्या बढ़ी है. कई जिलों में तो नामांकित छात्रों से ज्यादा छात्राएं हैं. सरकार स्कूल से बाहर के बच्चों को स्कूल में लाने, नामांकन में वृद्धि करने, नये प्राथमिक विद्यालय और प्लस टू स्कूल खोलने, क्लास की संख्या बढ़ाने, शिक्षकों की उपलब्धता और उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के साथ-साथ प्रारंभिक स्कूलों को हाइ स्कूलों में अपग्रेड करने का काम चल रहा है. 

 

विज्ञान व प्रावैधिकी

 

‍37.79 करोड़ की कटौती, हर जिले में खुलेंगे इंजीनियरिंग कॉलेज

 

राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग और सूचना व प्रावैधिकी विभाग का बजट पिछले साल की  तुलना में घटा दी है. विज्ञान प्रावैधिकी विभाग में 13.87 करोड़ और सूचना व प्रावैधिकी विभाग में 23.92 करोड़ रुपये वार्षिक बजट में घटाये गये हैं. राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग में 213.45 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जबकि 2016-17 के वित्तीय वर्ष में 227.32 करोड़ रुपये का प्रावधान था. इसी प्रकार सूचना व प्रावैधिकी विभाग मेें 248.64 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जबकि 2016-17 में 272.56 करोड़ रुपये का प्रावधान था. 

 

राज्य सरकार ने विज्ञान व प्रावैधिकी विभाग के बजट में कटौती की है. बावजूद इसके सात निश्चय के तहत हर जिले में एक इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की जायेगी. बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग भागलपुर के परिसर में 50 एकड़ जमीन पर आइआइआइटी (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी) की स्थापना भी की गयी है. वहीं, बोधगया में नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के माध्यम से रीजनल साइंस सेंटर के निर्माण कराया जायेगा. इसके लिए सरकार ने राशि जारी कर दी है. इसके अलावा पटना में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम साइंस सिटी, दरभंगा में तारामंडल सह विज्ञान संग्रहालय का निर्माण किया जायेगा. 

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