पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने कानपुर रेल हादसे की साजिश रची थी। यह खुलासा नेपाल व मोतिहारी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गये आइएसआइ एजेंट मोती पासवान ने किया है। मंगलवार को आइएसआइ के कुल छह एजेंटों को गिरफ्तार किया गया। इनमें तीन को नेपाल व तीन को मोतिहारी पुलिस ने पकड़ा। गिरफ्तार एजेंटों में एक आदापुर बखरी के मोती पासवान ने खुलासा किया है कि कानपुर में ट्रैक का फिश प्लेट खोल कर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त कराया गया था। फिश प्लेट उसने खुद खोला था। कुछ और भी साथ थे। इसके लिए नेपाल के ब्रजकिशोर गिरि ने उसे आदेश दिया था। ब्रजकिशोर दुबई में बैठे समसूल होदा से गाइड होता है. इस खुलासे के बाद एटीएस व रॉ के अधिकारी मोतिहारी के लिए रवाना हो चुके हैं। आज वे मोतिहारी पहुंचेंगे। 21 नवंबर, 2016 की आधी रात को कानपुर के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस बेपटरी हो गयी थी, जिससे 164 यात्री मारे गये थे।
गिरफ्तार एंजेटों का आका नेपाल का समसूल होदा है। फिलहाल वह दुबई में छुपा हुआ है। पूर्वी चंपारण के एसपी जितेंद्र राणा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि समसुल का साथी ब्रजकिशोर गिरि उर्फ बाबा को नेपाल पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया। उसकी गिरफ्तारी के बाद नेपाल पुलिस ने शंभु उर्फ लड्डू व मुजाहिद्दीन अंसारी को पकड़ा। नेपाल पुलिस की जानकारी पर मोतिहारी पुलिस ने रक्सौल गम्हरिया से उमाशंकर पटेल, आदापुर झिटकहिया के मुकेश यादव व आदापुर बखरी के मोती पासवान को गिरफ्तार किया है। समसुल होदा के इशारे पर काम करनेवाले गजेंद्र शर्मा व राकेश यादव की तलाश में छापेमारी की जा रही है। दोनों आदापुर बखरी के हैं। एसपी जितेंद्र राणा के अनुसार, समसुल होदा आइएसआइ के इशारे पर भारत में हमला करने के फिराक में था। इसके लिए उसने नेपाल व उसके सीमावर्ती इलाकों के युवाओं को संगठन से जोड़ने की जिम्मेवारी नेपाल के ब्रजकिशोर गिरि को सौंपी। इस दौरान घोड़ासहन में ट्रैक को उड़ाने के लिए उसने लक्ष्मीपुर पोखरिया के दीपक राम व अरुण कुमार को तीन लाख रुपये का लालच दिया। दोनों ने ट्रैक पर आइइडी तो लगाया, लेकिन उसे ब्लास्ट नहीं करा पाये। घटना के बाद दोनों नेपाल गये। एसपी राणा ने ये भी संकेत दिए कि आगे मामले में केद्रीय सुरक्षा जांच एजेंसियों की मदद भी ली जा सकती है।