यह अभिनेता मकाऊ फिल्म फेस्टिवल को छोड़कर पटना फिल्म फेस्टिवल में सामिल हुए

पटना फिल्म फेस्टिवल में गुरुवार को रीजेंट में सुलतान और इग्लीश फिल्म मैंगो ड्रीम्स का प्रदर्शन किया गया। वहीं, रविंद्र भवन के दूसरे स्क्रीन पर भोजपुरी फिल्म जिंदगी है गाड़ी सैया ड्राइवर – बीवी खलासी, दूल्हा और धरती मैया दिखाई गई।

पटना फिल्म फेस्टिवल के अंतिम दिन रीजेन्ट में फिल्म एवं वित्त निगम के गंगा कुमार, फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी मौजूद रहे। गैग्स ऑफ वासेपुर, नील बट्टे सन्नाटा जैसी फिल्म और कई टीवी सिरियल में प्रमुख भूमिकाएं निभाने वाले अभिनेता पंकज त्रिपाठी मकाऊ फिल्म फेस्टिवल को छोड़कर पटना फिल्म फेस्टिवल में आये।

पंकज त्रिपाठी ने कहा कि मकाउ में मेरी फिल्म गुड़गांव की स्क्रीनिंग है, इसके बाद बर्लिन में भी दिखाई जाएगी। इससे ये साबित होता बिहार की प्रतिभा को इंटरनेशनल लेवल पर सम्मान मिल रहा है। मुझे बिहारी होने पर गर्व है, मैं मकाउ फिल्म फेस्टिवल छोड़कर अपनो के बीच पटना फिल्म फेस्टिवल में आया। उन्होंने कहा कि बिहार हमेशा से मुझे वापस खींचता है। मैं देश-विदेश कहीं भी रहूं अपनी मिट्टी से जुड़ा रहता हूं। मैं नौकरी नहीं करना चाहता था इसलिए मैं थियेटर से जुड़ा। हालांकि बाद में आगे कोई स्कोप ना देखकर मैंने होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर शेफ का भी काम किया। लेकिन अपने एक्टिंग मोह को ना छोड़ सका और वापस फिल्म और सीरियल की दुनिया में चला गया।

उन्होंने कहा कि बिहार की छवि को क्राइम जेनेरेटेड स्टेट का बना दिया गया है। यहां के लोगों में जो प्रतिरोध की क्षमता है उसे निगेटिव रूप में प्रचारित किया गया है। फिल्मकार बिहार की उसी बनी-बनाई छवि को सच मान बैठे हैं। पैनल डिस्कशन में पंकज त्रिपाठी के साथ रामगोपाल बजाज, पुंज त्रिपाठी, अविनाश दास मौजूद थे।

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