बिहारशरीफ : दो दिन पहले दैनिक भास्कर में खबर छपी थी जिसमें एक मासूम ,गरीब 6 साल की बच्ची छोटी के दिल में सुराख़ का जिक्र था। ऑपरेशन के लंबे चौड़े खर्च से घबराकर उसके माता-पिता लोगों से मदद की गुहार लगा रहे थे। कुछ अखबार के दफ्तर के चक्कर भी काटे लेकिन निराशा ही हाथ लगी ।इसी बीच इंडिया न्यूज़ के एक पत्रकार प्रणय राज ने पहल की ,दैनिक भास्कर में खबर छपी । फिर कई पत्रकार लग गए ।
इसके बाद ही एसपी कुमार आशीष व डीडीसी कुंदन कुमार ने इस मुहिम में अपना हाथ बढ़ाया। कोई एम्स के डॉक्टर को तो कोई राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क सड़ने लगे , दोनों का प्रयास सफल रहा। डीडीसी कुंदन कुमार के कहने पर एम्स के बड़े डॉक्टर डॉ.अरविन्द ने मदद की पेशकश की। डीडीसी ने कहा कि इलाज में जो भी फॉर्मेलिटीज पूरी करनी होगी वो मैं करवा दूंगा। इसके बाद एसपी कुमार आशीष ने कहा कि नालंदा पुलिस के तरफ से तत्काल 10 हज़ार रुपए की सहायता की जाएगी। बाकि रहने सहने का भी इंतिज़ाम करने की कोशिश कर रहा हूँ । फिर पटना के प्रख्यात दन्त चिकित्सक डॉ.धर्मेंद्र आगे आये और उन्होंने आने जाने का खर्च उठाने की बात कही ।
तभी एसपी साहब ने कहा कि बच्ची के परिजन को इन्फॉर्म कर दीजिये, आकर तत्काल सहायता राशि ले जाए। उसके बाद 6 साल की ‘छोटी’ अपने पिता सतीश रजक की गोद में मुस्कुराते हुए पैदल ही एसपी आवास पहुंची। एसपी साहब ने पूछा,बेटा, क्या बनना चाहती हो?जवाब मिला,मास्टरनी।माँ पिता भी उसके सपनों में खो गए,उन्हें उम्मीद हो चली कि उसकी बेटी अब न सिर्फ ठीक हो जायेगी बल्कि सभी की तरह पढ़ने लगेगी और मास्टरनी जरूर बनेगी। अधिकारी तो आते जाते रहते हैं लेकिन अधिकारी के साथ इंसान का आना जाना कम ही दिखता है। एसपी कुमार आशीष व डीसीसी साहब व तमाम लोगों को ग्रैंड सलूट जो इस मुहिम में निस्वार्थ भाव से जुटे हैं।