किसी राज्य के देशभक्ति और देश के प्रति जज्बे की इससे बड़ी मिसाल क्या हो सकती है की अभी हाल में ही हुए उड़ी हमले में बिहार ने अपने जाबांज सपूतों को खोया था और ये घाव अभीतक भरे भी नही की बिहार के एक और जाबांज सपूत को देश को देश के दुश्मनों को चुनौती देने के लिए सेना के एक मुख्य पद पर पदस्थापित हो गया. बिहार के जहानाबाद जिले का एक नौजवान आदित्य कुमार भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से प्रशिक्षण पूरा कर बीते 10 दिसंबर को सेना का कमीशंड ऑफिसर बना है. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि उसे सेना के इस पद पर उसके जन्मदिन के ही दिन नियुक्त किया गया है. आईएमए के देहरादून अकादमी में नियुक्ति पत्र आवंटित करने के लिए आयोजित पासिंग आउट परेड कार्यक्रम में उसके परिजनों को भी सेना की ओर से आमंत्रित किया गया था.
सेना के कमीशंड ऑफिसर के रूप में तैनात होने वाले आदित्य कुमार के पिता भूपेंद्र कुमार पांडेय बताते हैं कि उनका पैतृक गांव जहानाबाद जिले में दौलतपुर है. उन्होंने बताया कि आदित्य ने 12वीं तक की शिक्षा हिमाचल प्रदेश के हमीपुर जिले के सुजानपुर तिरा सैनिक स्कूल से पूरी की. आदित्य कुमार ने पढ़ाई के साथ-साथ एनसीसी में अपना योगदान दिया. आदित्य ने इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2012 में संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नेशनल डिफेंस अकादमी के कमीशंड ऑफिसर के लिए आयोजित प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण की थी.आदित्य के पिता भूपेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि जून 2012 में कर्मचारी चयन बोर्ड की परीक्षा के बाद चयन के बाद 2013 में उन्होंने नेशनल डिफेंस अकादमी खड़गवासला में प्रशिक्षण की शुरुआत की. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से स्नातक की भी पढ़ाई पूरी की. 28 नवंबर, 2015 को 129 कोर्स में उत्तीर्ण करने के बाद उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून में उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया. बीते 10 दिसंबर को आईएमए देहरादून में उनके जन्मदिन के वक्त ही पासिंग आउट पैरेड में शामिल कर कमीशंड ऑफिसर के रूप में बहाल किया गया.