आस्था एक इन्सान को सबल बनाती है तथा लोगों में आत्मविश्वास भरती है। अपने परिवार, समाज व् देश पर आस्था होना आवश्यक है | इसी प्रकार एक इन्सान को अपना आत्मबल बनाये रखने के लिए ईश्वर,भगवान, अल्लाह व् वाहे गुरु आदि में आस्था रखनी पड़ती है |
जब बात आस्था की हो तो आस्था के सबसे बड़े पर्व छठ की बात तो जरूर सबके सामने आती है। क्या खास और क्या आम? चार दिन तक चलने वाले आस्था के इस महापर्व में पूरा बिहार पूरे आस्था के साथ छठी मईया के भक्ति में लीन रहता है । बिहार का यह यह पर्व साल का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन होता है।
छठ पर्व से ठीक दो दिन पहले बिहार के एसटीएफ के एसपी और प्रसिद्ध आईपीएस शिवदीप लांडे को अपनी बेटी का मुंबई से तबियत खराब होने की खबर मिली। उसके एक्सरे और खून की जांच हो रहे थे।
यह खबर सुनने के बाद किसी भी पिता की तरह शिवदीप लांडे का भी पल भर केलिए मन किया की छूटी मिलते ही वह अपने बेटी के पास पहुंचे मगर तीन दिन के सरकारी छुट्टी होने के बावजूद शिवदीप ने छुट्टी में अपने परिवार के पास जाने के बजाए अपने कर्मभूमि के सबसे बड़े आयोजन में उपस्थित रहने का निर्णय किया और छठ घाट जा कर भगवन सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मईया से अपने लिए प्राथना भी की । यह छठी मईया का चमत्कार कहिए या कुछ और, कुछ ही देर में उन्हें अपनी बेटी के स्वास्थ्य में सुधार होने की खबर मिल गई ।
इस बारे में शिवदीप लांडे ने अपने अधिकारिक फेसबुक प्रोफाइल (https://m.facebook.com/shivdeepwamanrao.lande) पर भी पोस्ट कर लिखा है ।
मेरे इस बिहार ने ही मुझे पहचान दी है, बिहार ने ही सबसे पहले मुझे परिवार का प्यार दिया तो आज अपने परिवार के सबसे बड़े आयोजन से दूर कैसे चला जाऊं। अंतः मेरी पत्नी ने मुझे हिम्मत दिया की वो आरहा का ख्याल रख रही है और मुझे छट पूजा में शामिल होना चाहिये। मैं शोभाग्यशाली रहा की मुझे भगवन सूर्य को अरग्य देने का शौभाग्य प्राप्त हुआ। आज आरहा के स्वास्थ्य में भी बहुत सूधार भी आया है।
-शिवदीप लांडे