बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दावा किया कि राज्य में पिछले सात महीने से जारी शराबबंदी के दौरान दूध की बिक्री में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पश्चिम चंपारण जिले के मुख्यालय बेतिया से अपनी निश्चय यात्रा की शुरूआत करते हुए नीतीश ने एक चेतना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि शराबबंदी के कारण प्रदेश में अपराध की घटना में कमी आने के साथ अब दूध, मिठाई एवं शहद की खपत बढ़ गई है। उन्होंने कहा, शराबबंदी के कारण प्रदेश में दूध की बिक्री में इजाफा हुआ है। कुमार ने बताया कि खासतौर से सुधा द्वारा बेचे गए दूध के आंकड़ों के अनुसार पिछले सात महीनों में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यानि लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया और दूध पीना शुरू कर दिया है। नीतीश ने कहा, इससे पूर्व शराब पर प्रत्येक साल दस हजार करोड़ रूपये बर्बाद होते थे पर अब प्रदेश की जनता इससे अपनी अन्य जरूरतों को पूरा करने के साथ ही स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन पर खर्च कर रही है तथा लोगों की आर्थिक स्थिति बदली है। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी से सभी लोग प्रसन्न हैं पर कुछ लोग जिनमें से ज्यादातर पढे-लिखे और संपन्न परिवार से आते हैं, इसका विरोध कर रहे हैं। पढे-लिखे और संपन्न लोगों में भी सभी इसका विरोध नहीं कर रहे हैं बल्कि कुछ लोग इसके खिलाफ हैं। शाम में एक पैग पीने के आदी ऐसे लोग शराबबंदी के कारण उसकी उपलब्धता नहीं होने के कारण तरह-तरह की बातें कर रहे हैं।
नीतीश ने कहा कि हमने जब इसके लिए जब कानून बनाया तो उसे कड़ा और तालिबानी बताया गया और अब हम रोज पूछ रहे हैं बताईए कि अगर तालिबानी है तो इसे गैरतालिबानी बनाने का क्या सुझाव है। उन्होंने कहा, शराबबंदी से कोई समझौता नहीं करेंगे। शराबबंदी को पूरे तौर पर क्रियांवित और लागू करने के लिए अगर कानून में ऐसा आपको लगता है कि कोई फेरबदल की जरूरत है तो राय दें। मुख्यमंत्री ने कहा, मेरे कहने पर निषेध एवं उत्पाद विभाग ने विज्ञापन जारी कर सार्वजनिक तौर पर सुझाव मांगा है और लोग जवाब दे रहे हैं। 14 नंवबर को मैं खुद पटना में बैठूंगा और पूछूंगा कि आईए बताईए कि आपकी क्या सलाह है। हम तो जानना और समझना चाहते हैं लोगों से, इसीलिए हम आपके बीच आए हैं। उन्होंने कहा, समाज में अच्छे और बुरे लोग भी होते हैं और कुछ लोग शराबबंदी का गलत फायदा उठाने के लिए अन्य राज्यों से शराब लाकर यहां बेचने के फिराक में लगे हुए हैं। ऐसी लोगों को हम यह आगाह कर देना चाहते हैं कि पकड़े जाने पर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। नीतीश ने कहा कि बगैर जन चेतना के कोई बड़ा कानून लागू नहीं हो सकता और केवल सरकार के प्रयास से यह पूर्ण रूप से कारगर नहीं हो सकता है। कानून का अपना प्रभाव है लेकिन यदि आप सक्रिय नहीं होंगे तो यह प्रभावशाली नहीं होगा।