नीतीश कुमार देश के नामी, वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं । वे कई बार केंद्रीय मंत्री और वर्तमान कई वर्ष से बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत है इसलिए पटना और दिल्ली से उनका पूराना नाता है मगर नीतीश कुमार को न ही पटना में रहना पसंद है और नहीं देश की राजधानी दिल्ली उनको भाता है।
पटना में सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत घर तक पक्की-गली नलियां कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना में उनका मन नहीं लगता. दिल्ली में तो और मन नहीं लगता, दिल्ली बड़ी फालतू जगह है. क्षेत्र में रहते हैं तो ऊर्जा मिलती है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में रहने पर लोगों की बातों को सुनने और फिर उनकी समस्याओं का समाधान करने से संतुष्टि मिलती है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी माह की 9 तारीख से एक बार फिर पूरे बिहार के दौरे पर निकलने वाले हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 नवंबर से निश्चय यात्रा पर निकलेंगे. जिसको लेकर तैयारियां पूरी की जा रही हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के सात निश्चय के क्रियान्वयन, लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के साथ-साथ शराबबंदी के बाद का बिहार के हाल का जायजा लेगें. नीतीश कुमार ने एक बार फिर शराबबंदी को सख्ती से लागू करने की बात दोहराते हुए कहा कि शराबबंदी से किसी तरह का समझौता तो नहीं होगा. लेकिन अगर विपक्ष को ये लगता है कि शराबबंदी में सजा के कठोर प्रावधान हैं तो उसको कम करने पर विचार किया जा सकता है.
गुरुवार को मधुबनी में रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए एसडीओ और डीएसपी की गिरफ्तारी पर कटाक्ष करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि दो नम्बर के कारोबार करने वालों से लेकर दो नम्बर की कमायी करने वालों तक मेरी नजर है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भ्रष्ट अधिकारियों पर तंज कसने के साथ-साथ नसीहत देते हुए कहा कि अधिकारियों को तनख्वाह तो ठीक-ठाक मिलती है. इसके बाबजूद दो नम्बर से पैसा कमाने पर क्यों ध्यान देते हैं, ये समझ में नहीं आता. नीतीश कुमार ने अधिकारियों से कहा कि मन लगाकर काम कीजिए, जनता की सेवा कीजिए. उन्होंने कहा कि जहां तक आपकी समस्या या परेशानी की बात है तो उसे देखने के लिए वो हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने पर भी नहीं रुके. उन्होंने फिर भ्रष्टाचार की आकंठ में डूबे अधिकारियों पर इशारों-इशारों में तंज कसते हुए कहा कि कफन में पॉकेट नहीं होता.