अपने विरासतों के प्रति हमें जागरूक होने की जरुरत है। आम जनता में विरासत के प्रति अज्ञानता के कारण हमारे गौरवशाली धरोहरों को नुकसान पहुंच रहा हैं। विरासत को लेकर लोगों को अधिक-से-अधिक से जागरूक करने की जरूरत है। जागरूकता अभियान चला कर विरासत और धरोहरों की अहमियत बतानी होगी। उक्त बातें सीनियर आईपीएस विकास वैभव ने शनिवार को कहीं।
विकास वैभव बिहार की विरासत को जनमानस के मध्य जागरूकता बनाये रखने के लिए हेरिटेज सोसाइटी तथा हेरिटेज फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में पटना के कृष्णा निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। जिसका मुख्य विषय ‘प्रोमोटिंग एण्ड सेफगाईडिंग हेरिटेज एण्ड कल्चर आॅफ बिहार’ था।
हेरिटेज सोसाइटी तथा हेरिटेज फाउंडेशन की ओर से बिहार के विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों, महत्वपूर्ण स्थलों आदि पर विरासत जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। कल इसकी शुरुआत पटना के कृष्णा निकेतन से हुआ।
कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन द्वारा की गई। जिसके बाद डाॅ0 अनंताशुतोष द्विवेदी, पुरातत्वविद् ने बिहार की विरासत के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया तथा हेरिटेज सोसाईटी एवं हेरिटेज फाउंडेशन के अभियान को विस्तार से रखा। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद डाॅ0 अरूणोदय किये। उन्होंने कहा ऐसे आयोजनों को नियमित रूप से कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के दिलचस्पी गौरवशाली विरासत को मजबूती प्रदान करेगा।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में आईपीएस विकास वैभव ने बिहार की विरासत के छुये एवं अनछुये पहलुओं पर अपने गहन अध्ययन और अनुभवों को विद्यार्थियों के सामने रखा। विद्यार्थी बड़े ही जिज्ञाषा से उनकी बातों को सुने। वैभव ने अपने अनुभवों में एक ओर विरासत के गौरवशाली बिन्दुओं को प्रस्तुत किया, वहीं दूसरी ओर विरासत के प्रति अपने दर्द को भी साझा किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आम जनता में विरासत के प्रति अज्ञानता के कारण हमारे गौरवशाली धरोहर का नुकसान हो रहा है।
उन्होंने बिहार के महत्वपूर्ण विरासत स्थलों यथा नालन्दा, राजगीर, कुर्कीहार, मनेर, रोहतासगढ़, शेरगढ़ आदि के अवशेषों के चित्रों को स्लाइड शो के माध्यम से दर्शकों के सामने प्रस्तुत किया।
उल्लेखनीय है कि विकास वैभव के प्रयासों से रोहतासगढ़ किला आज आमजनों के देखने लायक हो पाया है। रोहतासगढ़ के स्थानीय लोग आज धूमधाम से वार्षिक महोत्सव किला के आस-पास मना रहे हैं। एक समय था यह किला नक्सल के अधीन था और लोग चाह कर भी भय से किला देखने नहीं जा पाते थे।
विकास वैभव को चुनौतियों से लड़ना पसंद है तो इतिहास से हमेशा रूबरू होना उनका शौक। विकास वैभव जहाँ भी जाते हैं वहाँ के इतिहास को खंगालने की कोशिश करते हैं।
वैभव ‘साइलेंट पेजेज’ नाम के एक ब्लॉग भी चलाते हैं, जिसमें वह बिहार के साथ-साथ देश के कई जगहों के बारे में लिखते हैं और साथ ही सोशल साइटों पर अपने पेजेज के माध्यम से ऐतिहासिक स्थलों की खूबसूरत व् अनदेखी तस्वीरें और उसके बारे में रोचक जानकारियाँ भी लोगों के साथ शेयर करते है। वैभव ने बताया कि बिहार के रोहतासगढ़ और कैमूर हिल घूमने में उन्हें बेहद अच्छा लगता है। वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ घूमना पसंद करते हैं। उनके परिवार को पहले इतना घूमना पसंद नहीं था, लेकिन धीरे-धीरे उनका मन लगने लगा।
ऐतिहासिक धरोहरों को संजोने और उनसे जुड़ी जानकारियों को सहेजने से जुडे कामों के लिए राजधानी के प्रतिष्ठित मगध महिला कॉलेज में ‘सेंटर फॉर जेंडर स्टडीज’ के इंटरनेशनल कांफ्रेंस में विकास वैभव को इस वर्ष सम्मानित भी किया गया है।
वह कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही इतिहास में दिलचस्पी रही है। ये बात अलग है कि दसवीं तक ही उन्होंने इतिहास की पढ़ाई की लेकिन उनकी इतिहास को जानने की इच्छा उसके बाद भी बनी रही। उनका मानना है कि भारत को जीवित रखने के लिए उसके इतिहास को जिंदा रखना बेहद जरूरी है।
विकास वैभव ने सारे विद्यार्थियों से अपनी विरासत को सहेजने एवं संवारने की अपील की।