आज देश की सुप्रीम कोर्ट ने एक एतिहासिक फैसला सुनाया है। बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर मचे घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने आज एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को बड़ी राहत दी है। बिहार सरकार की ओर से शराबबंदी कानून पर पटना हाईकोर्ट के दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।
बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को पटना उच्च न्यायालय ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि कानून में मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर पूरे बिहार वासियों की नजर टिकी थी कि कोर्ट आज इस बारे में क्या फैसला सुनाता है। कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी।
शराबबंदी कानून पर पटना हाई कोर्ट ने जताया था एतराज
राज्य में शराबबंदी लागू करने के बाद से बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को लगातार चुनौती मिल रही थी। कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर समाजसेवी और राजनीतिक दल भी इसका विरोध कर रहे थे। लोगों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने कानून के कड़े प्रावधानों को मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने वाला करार देते हुए रद्द करने का फैसला सुनाया था।
हाईकोर्ट ने इस कानून के कई प्रावधान पर ऐतराज जताया था और 20 सितंबर को सुनवाई के दौरान पटना बिहार में लागू शराबबंदी कानून को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। कोर्ट के अनुसार कानून में शराब मिलने पर पूरे परिवार को जेल भेजने जैसे कानून शामिल थे। बेहद सख्त माने जा रहे बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 में शराब (जहरीली) पीने से हुई मौत के मामले में फांसी का प्रावधान किया था।
शराबबंदी के मामले पर अडिग रहेंगे : सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे बिहार में शराबबंदी के मामले पर अडिग रहेंगे। शराबबंदी पर पटना हाइकोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार इस मामले