दीवाली के मौके पर जहाँ सभी मौज मस्ती पटाखे छोड़ने में व्यस्त थे वहीँ पुर्णिया के युवा ,लोकप्रिय एसपी निशांत तिवारी अनाथालय के उदास बच्चों के साथ सपरिवार पहुंचकर खुशिया बाँट रहे थे .एसपी निशांत तिवारी अनाथालय पहुंचकर न सिर्फ बच्चो के साथ खुशिया मनाये बल्कि उसे वहां अपनत्व का भी एहसास कराया.
अनाथालय में एसपी परिवार पहुँच कर न सिर्फ पूरी तरह घुल मिल गये बल्कि वहां सभी ने एक साथ बैठकर मिठाई भी खाया .यहाँ एक क्षण ऐसा भी आया जब पुलिस अधीक्षक निशांत तिवारी बेहद भावुक हो गये.हुआ यूँ की जब अनाथालय में सभी बच्चो के साथ खुशिया मानाने में व्यस्त थे तभी एसपी की नन्ही बेटी वहां के बच्ची के साथ इस कदर घुल मिल गयी थी मानो दोनों बच्चियों का पूर्व से ही जान पहचान हो हो और दोनों में बेहद लगाव हो.दोनों बच्चियों के आपस के घनिष्ठ मिलाप देख कर आईपीएस निशांत तिवारी का उन बच्चियों के प्रति कुछ इस तरह भावुक संबोधन निकले…….
प्रिय ऐशानी, कल तुम्हारा जन्मदिन है और आज दीवाली। एक पिता के रूप में मैं तुम्हें ज़्यादा समय नहीं दे पाया, शायद हर एक वर्दी वाले सैनिक या पुलिस की तरह। तुम्हें मुझसे शिकायत भी होगी। हम रोज़ कई जंग लड़ते है, समाज के दुश्मनो से- जितते भी है क्यूँकि समाज के अच्छे लोग और उनका ज़िंदा ज़मीर हमें लगातार कुछ करने को उत्साहित करता है।
आओ आज तुम्हें ले चलूँ उनके बीच जिनके ऊपर माँ की ममता की छांव या पिता के मज़बूत कंधों का सहारा नहीं। तुम जब इन बातों को समझोगी, तब कोई शिकायत नहीं रहेगी। गर्व होगा। बेटी, बहुत अच्छा लगा तुम्हें नये दोस्तों के साथ हँसते, खिलखिलाते दीपावाली मनाते देख कर। यही तो ज़िंदगी है- ग़म के अंधेरे को साथ साथ मिल कर दूर करना। मेरी ख़्वाहिश ये नहीं की तुम बहुत बड़ी इंसान बनो, लेकिन एक अच्छी इंसान बनो यह प्रार्थना ज़रूर करूँगा।